एमवीए भागीदारों के बीच सीटों के बंटवारे पर अभी बात नहीं बनी : जयंत पाटिल

एमवीए भागीदारों के बीच सीटों के बंटवारे पर अभी बात नहीं बनी : जयंत पाटिल

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  • Publish Date - October 26, 2024 / 08:49 PM IST,
    Updated On - October 26, 2024 / 08:49 PM IST

मुंबई, 26 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए महा विकास आघाडी (एमवीए) घटकों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर अभी बात नहीं बनी है।

पाटिल ने कहा कि उम्मीदवारों की जीत की संभावना के आधार पर निर्णय किए जा रहे हैं।

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाटिल ने 22 सीटों के लिए अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की भी घोषणा की। शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने पहले राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 45 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की थी।

एमवीए के घटक दल कांग्रेस, राकांपा (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) ने पहले कहा था कि वे महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में 85-85 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, अंतिम सीट बंटवारे पर चर्चा अब भी जारी है।

पाटिल ने कहा, ’90 या 85 सीटों का कोई फॉर्मूला तय नहीं किया गया है। जो पार्टी जिस भी सीट से जीत सकती है, उस पार्टी पर विचार किया जाएगा। हमारा प्रयास अपने सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार को आगे लाना है।’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट द्वारा एमवीए भागीदारों के लिए ’90-90-90′ व्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर राकांपा (एसपी) नेता ने कहा, ‘यहां और वहां एक या दो सीटें (विवादास्पद) रहेंगी।’

उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस ने राज्य की 288 सीटों में से 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ने पर जोर दिया है।

पाटिल ने थोराट की बेटी के खिलाफ एक नेता द्वारा की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर भी भाजपा की आलोचना की।

उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार महिलाओं को सम्मान देने की बात करती है, लेकिन उसकी भाषा कुछ और ही बयां करती है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने महाराष्ट्र की सभी बहनों का अपमान किया है और सत्तारूढ़ पार्टी को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।

पाटिल ने बेमौसम बारिश के कारण कृषि क्षेत्र को हुए नुकसान को लेकर भी सरकार पर हमला बोला और किसानों की आत्महत्या को लेकर एकनाथ शिंदे सरकार की आलोचना की।

राकांपा (एसपी) नेता ने दावा किया कि सरकार ने चुनाव से ठीक पहले बिना सोचे-समझे कई फैसले लिए।

उन्होंने दावा किया कि फैसले लेते समय सरकार ने किसानों के बारे में नहीं सोचा।

भाषा योगेश रंजन

रंजन