(दीपक रंजन)
नागपुर, 17 नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि किसी को भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए और महाराष्ट्र के लोग 20 नवंबर को राज्य विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महायुति गठबंधन में फिर से विश्वास जताएंगे।
गडकरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘जिस तरह से राहुल गांधी बोलते हैं, कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेता…मुझे लगता है कि लोगों को उनकी टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।’’
‘‘अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी याददाश्त कमजोर होने’’ संबंधी राहुल गांधी के आरोपों पर गडकरी ने कहा कि कांग्रेस नेता गैर-जिम्मेदाराना बात करते हैं।
लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद महायुति गठबंधन की चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष ने लोकसभा चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर मतदाताओं को गुमराह किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘यह विमर्श गढ़ा गया था कि अगर हम 400 से अधिक सीट जीत जाएंगे तो हम बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा लिखा संविधान बदल देंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संविधान बदलने का सवाल ही नहीं उठता। न तो हम इसे करेंगे और न ही दूसरों को करने देंगे।’’
गडकरी ने कहा, ‘‘अब लोगों को एहसास हो गया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष का प्रचार अभियान झूठ पर आधारित था और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में महाराष्ट्र में सकारात्मकता के साथ महायुति का समर्थन करने का फैसला लिया है।’’
भाजपा द्वारा विकास की राजनीति की बात करने लेकिन उसके नेताओं के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ जैसे नारे लगाने के बारे में वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘हम विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं। हम सब एक हैं। कोई मंदिर जाता है, कोई मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च जाता है। लेकिन हम सब भारतीय हैं और हमारे लिए सबसे ऊपर देश है।’’
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ टिप्पणी का विरोध किये जाने के बारे में पूछे जाने पर गडकरी ने कहा, ‘‘सबसे पहले तो हमारी अलग-अलग पार्टी है और यह जरूरी नहीं कि हमारी एक ही राय हो। मीडिया भी तोड़-मरोड़कर पेश करता है। इससे भ्रम पैदा होता है। एकता का आह्वान आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ एकजुट करने के लिए है।’’
राहुल गांधी द्वारा जाति जनगणना का मुद्दा उठाने के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘असली मुद्दा गांवों, गरीबों और किसानों के कल्याण का है। गरीब की कोई जाति और धर्म नहीं होता। एक मुसलमान को उसी कीमत पर पेट्रोल मिलता है जिस पर दूसरों को मिलता है।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा अध्यक्ष बनना चाहेंगे, इस पर गडकरी ने कहा, ‘‘मैं पहले भी भाजपा अध्यक्ष रह चुका हूं और अब इस पद की कोई इच्छा नहीं है।’’
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