मेरा नाम का कहीं जिक्र नहीं: अदाणी रिश्वत विवाद पर आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी

मेरा नाम का कहीं जिक्र नहीं: अदाणी रिश्वत विवाद पर आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी

  •  
  • Publish Date - November 28, 2024 / 07:31 PM IST,
    Updated On - November 28, 2024 / 07:31 PM IST

अमरावती, 28 नवंबर (भाषा) वाईएसआरसीपी के शीर्ष नेता एवं आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने उनकी पार्टी नीत सरकार के कार्यकाल के दौरान सौर ऊर्जा खरीद के लिए अदाणी समूह द्वारा राज्य के अधिकारियों को रिश्वत दिए जाने के आरोपों का बृहस्पतिवार को पुरजोर खंडन किया और कहा कि इस मामले में अमेरिकी अदालत के अभियोग में कहीं भी उनका नाम नहीं है।

अदाणी रिश्वत विवाद शुरू होने के बाद पहली प्रतिक्रिया में जगन ने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई बार अदाणी से मुलाकात की जो ‘‘असामान्य नहीं’’ है।

जगन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसमें कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि मुझे रिश्वत की पेशकश की गई क्योंकि सबसे पहली बात तो यह है कि कोई भी मुझे रिश्वत नहीं दे सकता, और कारोबारियों का नेताओं से मिलना कोई असामान्य बात नहीं है बल्कि यह एक सामान्य चलन है।’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि रिश्वत के आरोप अफवाह हैं और किसी ने भी यह नहीं कहा है कि जगन या किसी अन्य ने रिश्वत ली है।

अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी पर अमेरिकी न्याय विभाग ने अनुकूल सौर ऊर्जा अनुबंधों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने में उनकी भूमिका को लेकर आरोप लगाया है, हालांकि भारतीय समूह ने इस आरोप का खंडन किया है।

जगन ने कहा कि वह कुछ स्थानीय दैनिक अखबारों के खिलाफ तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और खबरें प्रकाशित करने के आरोप में 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) के साथ बिजली आपूर्ति समझौते से राज्य को 25 वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी।

उन्होंने कहा कि यह समझौता आंध्र प्रदेश ‘डिस्कॉम्स’ और ‘एसईसीआई’ के बीच हुआ था और इसमें कोई तीसरा पक्ष नहीं था।

इससे पहले भी विपक्षी दल युवजन श्रमिक रायतु कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने कहा था कि उसकी सरकार का अदाणी समूह के साथ कोई सीधा समझौता नहीं था और 2021 में हस्ताक्षरित बिजली बिक्री समझौता ‘एसईसीआई’ और ‘एपी डिस्कॉम’ के बीच था।

पार्टी ने पिछले सप्ताह कहा था कि नवंबर 2021 में ‘एपी विद्युत नियामक आयोग’ ने 7,000 मेगावाट की बिजली खरीद को मंजूरी दी थी, जिसके बाद ‘एसईसीआई’ और ‘एपी डिस्कॉम’ के बीच एक दिसंबर 2021 को बिजली बिक्री समझौते (पीएसए) पर हस्ताक्षर हुए थे।

भाषा शोभना आशीष

आशीष