पुणे में अजित के साथ बैठक में पार्टी से संबंधित किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई: शरद पवार

पुणे में अजित के साथ बैठक में पार्टी से संबंधित किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई: शरद पवार

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  • Publish Date - January 24, 2025 / 06:57 PM IST,
    Updated On - January 24, 2025 / 06:57 PM IST

पुणे, 24 जनवरी (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को पुणे में अपने भतीजे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ बंद कमरे में हुई बैठक को ज्यादा तवज्जो नहीं देने का प्रयास किया और कहा कि दोनों पार्टियों से संबंधित किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई।

पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कोल्हापुर शहर में पत्रकारों से बात करते हुए इस बात पर जोर दिया कि बैठक में चर्चा पूरी तरह से चीनी उद्योग परियोजना पर केंद्रित थी।

यह पूछे जाने पर कि उनके और अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा के प्रतिद्वंद्वी गुटों के एक साथ आने की संभावना क्या है, और क्या बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई, वरिष्ठ राजनेता ने कहा कि पार्टी से संबंधित किसी भी मामले पर चर्चा नहीं हुई।

उन्होंने कहा, “बैठक में अजित पवार, मैं और (चीनी उद्योग) परियोजना से जुड़े लोग मौजूद थे।’ दोनों राजनीतिक नेता वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट (वीएसआई) की वार्षिक आम सभा की बैठक में भाग लेने के लिए पुणे में थे, जिसके अध्यक्ष शरद पवार हैं।

उपमुख्यमंत्री अजित पवार पुणे स्थित वीएसआई के सदस्य हैं, जो चीनी उद्योग से जुड़ा एक प्रमुख अनुसंधान संस्थान है और वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में जुलाई 2023 में हुए विभाजन के बाद पहली बार इसकी वार्षिक आम सभा (एजीएम) की बैठक में शामिल हुए।

एजीएम के दौरान अजित पवार अपने चाचा से दूर बैठे, जो विपक्षी राकांपा (एसपी) के प्रमुख हैं। शुरुआती व्यवस्था के अनुसार दोनों को एक-दूसरे के बगल में बैठना था। सत्तारूढ़ राकांपा का नेतृत्व करने वाले उप-मुख्यमंत्री ने अपनी नाम पट्टिका को एक कुर्सी दूर कर दिया, जिससे महाराष्ट्र के सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल उनके बीच बैठ गए।

बैठने की व्यवस्था में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने स्पष्ट किया कि बाबासाहेब पाटिल कार्यक्रम के दौरान कुछ खास बातें बोलना चाहते थे और इसीलिए वह (राज्य मंत्री) उनके (शरद पवार के) बगल में बैठे थे।

अजित पवार ने भी इसी तरह का स्पष्टीकरण दिया।

उपमुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को बैठने की व्यवस्था में फेरबदल के बारे में पूछे जाने पर बताया, “बाबासाहेब (शरद) पवार साहेब से बात करना चाहते थे। मैं उनसे (शरद पवार से) कभी भी बात कर सकता हूं। अगर मैं एक कुर्सी दूर भी बैठूं तो मेरी आवाज इतनी तेज है कि दूर बैठा कोई भी सुन सकेगा।’

भाषा नोमान रंजन

रंजन