लातूर, 25 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के लातूर जिले में संपत्ति के लिए बेटे द्वारा कथित तौर पर परेशान की जा रही एक महिला की मदद के लिए एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) आगे आया है।
एनजीओ के एक अधिकारी के अनुसार, महिला के दो बेटे और 35 वर्षीय एक विवाहित बेटी है।
अधिकारी ने बताया कि कुछ साल पहले अपने पति की मौत के बाद वह अपने छोटे बेटे के साथ लातूर शहर के बाहरी इलाके में अपने घर रह रही थी। उन्होंने कहा कि बाद में उसकी बेटी और सात वर्षीय नातिन भी वहां रहने लगीं क्योंकि बेटी को कथित तौर पर उसके ससुराल में परेशान किया जा रहा था।
निराश्रित बच्चों के लिए औसा तहसील में ‘माझा घर आश्रम’ का संचालन करने वाले शरद जारे ने बताया कि महिला का छोटा बेटा अकसर उसे परेशान करता था क्योंकि वह चाहता था कि मकान उसके नाम पर हो जाए।
जारे ने कहा कि महिला और बेटी की इस दुर्दशा के बारे में जानकर
उन्होंने उन्हें अपने आश्रम में आश्रय दे दिया।
पीड़ित महिला ने जारे और उनकी पत्नी संगीता को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘‘मेरे पति की मौत के बाद मुझे बहुत परेशानी झेलनी पड़ी। मैं यहां खुश हूं।’’
भाषा
योगेश नेत्रपाल
नेत्रपाल