मुंबई, 21 मार्च (भाषा) न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये के गबन के मुख्य आरोपी हितेश मेहता की अगले कुछ दिनों में ‘ब्रेन-मैपिंग’ जांच होगी। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) इस धन के गबन की जांच कर रही है और इस मामले से जुड़ी जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है।
बैंक के पूर्व महाप्रबंधक और लेखा विभाग के प्रमुख हितेश मेहता का पिछले हफ्ते मुंबई के कलीना स्थित फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) में पॉलीग्राफ परीक्षण (झूठ पकड़ने की जांच) कराया गया था।
पुलिस के अनुसार, पॉलीग्राफ परीक्षण में धन के उपयोग व अन्य आरोपियों की भूमिका को लेकर ठोस जानकारी नहीं मिली।
ईओडब्ल्यू ने अब मेहता से अधिक जानकारी हासिल करने और मामले की कड़ियों को जोड़ने के लिए ‘ब्रेन-मैपिंग’ जांच कराने का निर्णय लिया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमने मेहता की ब्रेन-मैपिंग जांच कराने का फैसला किया है, लेकिन अभी तारीख तय नहीं हुई है।’
‘ब्रेन मैपिंग’ जांच एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत आरोपी के मस्तिष्क की हलचलों की छवियों के जरिये उसके दोषी होने का पता लगाया जाता है।
अधिकारी ने बताया कि अदालत पहले ही मेहता की फॉरेंसिक मनोवैज्ञानिक जांच कराने की अनुमति दे चुकी है।
इस मामले में ईओडब्ल्यू ने अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि बैंक के पूर्व अध्यक्ष हितेन भानु और उनकी पत्नी गौरी मामले में वांछित आरोपी हैं।
मुंबई की एक अदालत ने इस दंपति के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है।
पुलिस के अनुसार, मुंबई के प्रभादेवी और गोरेगांव स्थित न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक की शाखाओं से 122 करोड़ रुपये का गबन किया गया है।
मेहता को 15 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद छह अन्य आरोपियों को भी पकड़ा गया।
भाषा राखी दिलीप
दिलीप
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