मुंबई, छह नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बुधवार को कहा कि “घड़ी” चुनाव चिन्ह पर उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करना उसका कर्तव्य है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने राकांपा को मराठी समेत अन्य अखबारों में यह अस्वीकरण (डिसक्लेमर) प्रकाशित करने का निर्देश दिया कि ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न के आवंटन का मुद्दा अदालत में विचाराधीन है। न्यायालय के आदेश के 36 घंटे के भीतर अस्वीकरण को दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित कराने का निर्देश दिया गया।
न्यायालय ने यह निर्देश शरद पवार और अजित पवार के नेतृत्व वाले गुटों के बीच “घड़ी” चिन्ह के कथित उपयोग और दुरुपयोग को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान दिया।
विधानसभा चुनाव से महज दो सप्ताह पहले आए उच्चतम न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राकांपा प्रवक्ता संजय तटकरे ने मुंबई में कहा कि उनकी पार्टी समय-समय पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन करती रही है।
उन्होंने कहा, “हम उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए कर्तव्यबद्ध हैं।”
विपक्षी राकांपा (शरदचंद्र पवार) के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो प्रतिद्वंद्वी गुट के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
क्रैस्टो ने कहा कि इस वर्ष की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान उच्चतम न्यायालय ने ऐसा ही अस्वीकरण लगाने का निर्देश दिया था कि घड़ी चुनाव चिन्ह न्यायालय में विचाराधीन है, लेकिन इस आदेश का उचित तरीके से पालन नहीं किया गया।
उन्होंने दावा किया कि अस्वीकरण बेहद छोटे अक्षरों में लगाया गया।
क्रैस्टो ने मांग की, “अब भी यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।”
भाषा प्रशांत पवनेश
पवनेश