मुंबई, 27 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता भरत गोगावले ने सोमवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे रायगढ़ जिले के प्रभारी मंत्री पद के लिए उनकी उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं।
अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने गोगावले के आरोपों को खारिज कर दिया और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे से बड़बोले नेताओं पर लगाम लगाने की अपील की।
गोगावले ने कहा है कि रायगढ़ के लिए प्रभारी मंत्री की नियुक्ति पर निर्णय जल्द ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राकांपा प्रमुख अजित पवार द्वारा लिया जाएगा।
रायगढ़ जिले के लिए प्रभारी मंत्री का पद शिवसेना और राकांपा के बीच विवाद का विषय बन गया है। गोगावले और राकांपा की मंत्री अदिति तटकरे के बीच टकराव के कारण मुख्यमंत्री फडणवीस को अदिति को पद आवंटित करने पर रोक लगानी पड़ी थी।
गोगावले ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एकनाथ शिंदे ने प्रभारी मंत्री पद के लिए मेरा नाम प्रस्तावित किया था। विवाद एक अलग कारण से उत्पन्न हुआ। हमने लोकसभा चुनाव के दौरान गठबंधन के उम्मीदवार सुनील तटकरे के लिए पूरे दिल से काम किया और सुनिश्चित किया कि हमारे प्रयासों में कोई कमी ना हो।’’ अदिति सुनील तटकरे की पुत्री हैं।
गोगावले ने आरोप लगाया कि शिवसेना द्वारा सुनील तटकरे को समर्थन दिए जाने के बावजूद वह गलत आरोप लगा रहे हैं। रायगढ़ जिले के महाड से विधायक गोगावाले ने आरोप लगाया, ‘‘मैं प्रभारी मंत्री पद की दौड़ में हूं, इसलिए वह (सुनील तटकरे) मुझे उस पद पर नहीं देखना चाहते हैं।’’
गोगावाले ने आरोप लगाया कि रायगढ़ के सांसद सुनील तटकरे ने विधानसभा चुनाव में उन्हें और गठबंधन के अन्य सदस्यों को हराने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं का साथ दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘सुनील तटकरे ने अलग-अलग व्यक्तियों के साथ समझौता किया ताकि हम चुनाव हार जाएं। उन्होंने अलीबाग के विधायक महेंद्र दलवी को हराने के लिए पीडब्ल्यूपी (भारतीय शेतकरी कामगार पक्ष) के जयंत पाटिल के साथ भी हाथ मिलाया।’’
गोगावाले की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए राकांपा नेता सूरज चव्हाण ने उपमुख्यमंत्री से गोगावाले के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। चव्हाण ने कहा, ‘‘मैं एकनाथ शिंदे से आग्रह करता हूं कि रायगढ़ के प्रभारी मंत्री के पद को लेकर आरोप लगाने वालों के खिलाफ तुरंत कदम उठाएं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर गोगावाले का दावा है कि सुनील तटकरे ने गठबंधन के लिए काम नहीं किया, तो उन्होंने चुनाव के बाद यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया? अब जब प्रभारी मंत्री के पद पर चर्चा हो रही है, तो क्या वह बेबुनियाद आरोप लगाएंगे? इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’
चव्हाण ने कहा कि रायगढ़ के प्रभारी मंत्री की नियुक्ति गठबंधन के तीनों वरिष्ठ नेताओं का समन्वित निर्णय था। उन्होंने कहा, ‘‘इस फैसले के खिलाफ बोलकर गोगावले देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार के अधिकार को चुनौती दे रहे हैं।’’
भाषा आशीष माधव
माधव