मुंबई, सात मार्च (भाषा) प्रसिद्ध फिल्म निर्माता कबीर खान का मानना है कि प्रवासियों और शरणार्थियों को एक ही नजरिए से नहीं देखना चाहिए। उनकी फिल्म ‘माई मेलबर्न’ एक ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी पेश करती है जिसमें एक अफगान लड़की तालिबान शासन से बचकर मेलबर्न में नयी जिंदगी शुरू करती है।
‘माई मेलबर्न’ फिल्म में इम्तियाज अली, रीमा दास और ओनिर के सेगमेंट भी नजर आएंगे। यह फिल्म यौनिकता, स्त्री-पुरुष, विकलांगता और नस्ल जैसे विविधता के चार प्रमुख स्तंभों पर आधारित है।
कहानी के इस खण्ड का शीर्षक ‘सेटारा’ है जिसमें 15 वर्षीय अफगान लड़की की यात्रा को जीवंत किया गया है। वह लड़की तालिबान से भागकर मेलबर्न आई है। वह पारिवारिक तनाव और अतीत के आघात के बीच क्रिकेट के माध्यम से जीवन में आगे बढ़ती है।
कबीर खान ने पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘यह एक उत्साहजनक कहानी है। क्रिकेट के माध्यम से सेतारा का सपना पूरा होता है। अगर आप प्रवासियों को सिर्फ एक ही नजरिए से देखेंगे, तो वे कभी समाज में योगदान नहीं कर पाएंगे। लेकिन अगर आप उन्हें अपनाएंगे, तो वे भी आपके लिए योगदान देंगे।’
कबीर खान ने बताया कि उन्हें अफगान महिला क्रिकेट टीम की कहानी से प्रेरणा मिली। दो साल पहले जब वह अपनी फिल्म ’83’ के लिए मेलबर्न में एक पुरस्कार लेने पहुंचे थे, तब उन्होंने इन महिलाओं से मुलाकात की थी।
उन्होंने कहा, ‘जब तालिबान ने दोबारा सत्ता संभाली, तो इन खिलाड़ियों को देश छोड़ना पड़ा। मेलबर्न ने उनका स्वागत किया और उन्हें क्रिकेट जारी रखने का अवसर दिया। मैं सेतारा से मिला था। वह अफगानिस्तान में राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना चाहती थी, लेकिन उसे अपना देश छोड़ना पड़ा। उसकी कहानी को फिल्म के माध्यम से दिखाने का विचार यहीं से आया।’
कबीर खान का अफगानिस्तान से पुराना नाता है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वृत्तचित्र फिल्म निर्माता के रूप में की थी और अपनी पहली फिल्म ‘काबुल एक्सप्रेस’ भी वहीं बनाई थी।
उन्होंने बताया, ‘मैंने अफगानिस्तान में काफी समय बिताया है, वहां के हालात को करीब से देखा है। तालिबान के दोबारा कब्जे के बाद भी मैं वहां के लोगों के संपर्क में हूं। एक वृत्तचित्र फिल्मकार के रूप में मेरे अनुभव ने इस कहानी को अधिक प्रामाणिक बनाने में मदद की।’
‘सेतारा’ की मुख्य भूमिका में कोई प्रसिद्ध अभिनेत्री नहीं, बल्कि वास्तविक सेतारा को लिया गया है। कबीर खान ने बताया कि उन्होंने किसी अन्य अभिनेता की जगह असली किरदार को प्राथमिकता दी ताकि कहानी की प्रामाणिकता बनी रहे।
इस फिल्म में ‘एम्मा’ (रीमा दास), ‘जूल्स’ (इम्तियाज अली) और ‘नंदिनी’ (ओनिर) की कहानियां भी शामिल हैं। यह फिल्म 14 मार्च को भारतीय सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
कबीर खान ने कहा कि उन्हें इस फिल्म की बॉक्स ऑफिस सफलता से ज्यादा इसकी सामाजिक महत्ता की परवाह है।
उन्होंने कहा,’हर फिल्म को हर किसी के लिए नहीं बनाया जाता। हम जानते हैं कि यह विशेष दर्शकों के लिए बनी फिल्म है। इसमें कोई बड़े स्टार नहीं हैं। लेकिन यह जरूरी है कि इन कहानियों को दर्शकों तक पहुंचने का मौका मिले।’
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राखी माधव
माधव
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