(फाइल फोटो के साथ)
मुंबई, 22 नवंबर (भाषा) शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) के घटक दलों ने महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आने के बाद अपने सभी नवनिर्वाचित विधायकों को मुंबई में एक साथ रखने का फैसला किया है। इस कदम का मकसद सरकार गठन के पहले किसी भी तरह के खरीद-फरोख्त के प्रयास को नाकाम करना है।
राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि एमवीए नेताओं ने बृहस्पतिवार को बैठक की और हर सीट का आकलन किया। इनमें राउत, उनकी पार्टी के सहयोगी अनिल देसाई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और कांग्रेस नेता सतेज पाटिल और बालासाहेब थोराट शामिल थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने सभी नवनिर्वाचित विधायकों को मुंबई लाने का फैसला किया है। नए विधायकों के पास मुंबई में रहने का कोई इंतजाम नहीं होता है। इसलिए हमने उनके लिए एक साथ रहने की व्यवस्था करने का फैसला किया है।’’
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शनिवार को होगी। राउत ने भरोसा जताया कि एमवीए चुनाव में 160 सीट जीतेगा।
राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों, जिनके जीतने की प्रबल संभावना है, ने विपक्षी गठबंधन का समर्थन करने की इच्छा व्यक्त की है। राउत ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री पद के लिए कोई फॉर्मूला नहीं है। हर कोई सरकार का नेता चुनेगा।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को मुख्यमंत्री पद को लेकर स्पष्ट राय के साथ मुंबई आना चाहिए क्योंकि राकांपा (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे मुंबई में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी ताकत एमवीए को महाराष्ट्र में अगली सरकार बनाने से नहीं रोक सकती और शीर्ष पद पर निर्णय केवल महाराष्ट्र में ही लिया जाएगा।
एमवीए और सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के बीच इस बात को लेकर मतभेद उभर कर सामने आए हैं कि अगली सरकार का नेतृत्व कौन करेगा और दोनों खेमों के घटक दल मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा कर रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख नाना पटोले ने कहा है कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी के नेतृत्व में एमवीए सरकार बनेगी, वहीं राउत ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा सभी गठबंधन सहयोगियों द्वारा मिलकर तय किया जाएगा।
राउत ने आशंका जताई कि विपक्षी गठबंधन को बहुमत होने की स्थिति में भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्यपाल कार्यालय के माध्यम से एमवीए को सरकार बनाने से रोकने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम बिना किसी देरी के फैसला लेंगे, वरना भाजपा बेरहमी से सत्ता हड़पने की कोशिश करेगी।’’
महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। विपक्षी दलों को आशंका है कि अगर तब तक नयी सरकार नहीं बनी तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
भाषा आशीष संतोष
संतोष
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