(फोटो के साथ)
मुंबई, एक सितंबर (भाषा) विपक्षी दलों के गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के विरोध में रविवार को मुंबई में मार्च निकाला और इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की माफी को खारिज कर दिया। राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले इस मामले को लेकर एमवीए और सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के बीच टकराव बढ़ गया है।
सत्तारूढ़ भाजपा ने भी, विपक्ष पर इस मामले पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया।
‘जोड़े मारो आंदोलन’ (चप्पल से मारना) के दौरान एमवीए के घटक दलों शिवसेना (यूबीटी), राकांपा (एसपी) और कांग्रेस के बीच एकजुटता दिखाई दी, जिन्होंने शिवसेना, भाजपा और राकांपा की सत्तारूढ़ तिकड़ी पर जमकर निशाना साधा।
हुतात्मा चौक से ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ तक मार्च का नेतृत्व करने से पहले, शरद पवार, उद्धव ठाकरे और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने दक्षिण मुंबई में संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के शहीदों के एक स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
उन्होंने प्रतिमा गिरने की घटना पर केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना की। इस दौरान ठाकरे ने मोदी की माफी को ‘अहंकार की भावना’ के साथ मांगी गई माफी बताकर खारिज कर दिया।
पवार ने आरोप लगाया कि प्रतिमा प्रकरण भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ठाकरे पर पलटवार करते हुए उन पर शिवाजी के नाम पर राजनीति करने, लेकिन मुगल सम्राट औरंगजेब और बीजापुर के जनरल अफजल खान का अनुकरण करने का आरोप लगाया।
मालवन तहसील के राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा योद्धा शिवाजी की प्रतिमा 26 अगस्त को गिर गई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने आठ महीने पहले नौसेना दिवस के अवसर पर इसका अनावरण किया था।
‘गेटवे ऑफ इंडिया’ पर मार्च के समापन के बाद ठाकरे ने सभा में कहा, ‘क्या आपने (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की) माफी में अहंकार देखा? इसमें अहंकार की बू आ रही थी। एक उपमुख्यमंत्री मुस्कुरा रहे थे।’
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोग शिवाजी महाराज के अपमान को कभी माफ नहीं करेंगे।
ठाकरे ने प्रतिमा गिरने की घटना, राम मंदिर और नए संसद परिसर में पानी टपकने का जिक्र करते हुए मोदी की “गारंटियों” पर कटाक्ष किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने किस बात के लिए माफी मांगी? उस प्रतिमा के लिए, जिसका उन्होंने आठ महीने पहले उद्घाटन किया था? इसमें हुए भ्रष्टाचार के लिए? एमवीए कार्यकर्ताओं को उन ताकतों को हराने के लिए मिलकर काम करना चाहिए जिन्होंने शिवाजी महाराज का अपमान किया है। प्रतिमा का गिरना महाराष्ट्र की आत्मा का अपमान है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को पालघर में एक कार्यक्रम में कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम या योद्धा नहीं बल्कि एक आराध्य देव हैं।
उन्होंने कहा था, ‘आज मैं उनके (शिवाजी) चरणों में सिर झुकाता हूं और उनसे माफी मांगता हूं।’
विरोध मार्च में एमवीए नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, पवार ने कहा कि प्रतिमा का गिरना भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है।
उन्होंने कहा, ‘यह सभी शिवप्रेमियों (शिवाजी के अनुयायियों) का अपमान है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र में आगामी चुनाव को देखते हुए माफी मांगी है।
शिवाजी के वंशज और कांग्रेस सांसद शाहू छत्रपति, राकांपा (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले और विधायक अनिल देशमुख समेत विपक्षी दलों के कई नेता विरोध मार्च में शामिल हुए, जो पूर्वाह्न 11 बजे के बाद शुरू हुआ और दोपहर में समाप्त हुआ।
ठाकरे ने शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के नेताओं के साथ मिलकर मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार के पोस्टर पर जूते मारे।
शाहू छत्रपति ने कहा कि शिवाजी महाराज की रक्षा हर कीमत पर होनी चाहिए।
प्रदर्शनकारियों ने हुतात्मा चौक पर शिवाजी की एक प्रतिमा रखी, जबकि प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां ले रखी थीं, जिनपर प्रतिमा ढहने की निंदा की गई थी।
उन्होंने एकनाथ शिंदे सरकार के खिलाफ नारे लगाए। शरद पवार कुछ दूर तक पैदल चले और फिर अपने वाहन में बैठ गए।
शिवसेना प्रमुख शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने दो साल पहले ठाकरे को सत्ता से बाहर होने के लिए मजबूर कर दिया था।
शिंदे ने विपक्ष पर प्रतिमा ढहने संबंधी घटना का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र के लोगों ने उन्हें दो साल पहले उनकी जगह दिखा दी थी। आप नाम तो शिवाजी का लेते हैं, लेकिन आपके काम औरंगजेबी और अफजल खानी जैसे हैं।’
उन्होंने दावा किया कि विपक्ष को (चुनाव में) हार का एहसास हो गया है और वह महिलाओं के लिए ‘मुख्यमंत्री लाडकी बहिन’ योजना की शानदार सफलता से घबरा गया है।
भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग शहरों में विरोध प्रदर्शन किया।
नागपुर में विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत बावनकुले ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिमा के ढहने पर शिवाजी महाराज के साथ-साथ उनके अनुयायियों से भी माफी मांगी है।
बावनकुले ने आरोप लगाया, ‘प्रधानमंत्री की माफी के बावजूद, एमवीए वोट बैंक की राजनीति के लिए मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है। वे चुनाव से पहले अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।’
उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने ठाकरे पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि क्या वह देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पुस्तक ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ में शिवाजी महाराज के बारे में की गईं टिप्पणियों के लिए माफी मांगेंगे।
फडणवीस ने कहा, ‘उद्धव और शरद पवार मध्य प्रदेश में (पिछली) कांग्रेस सरकारों द्वारा छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा को पहुंचाए गए नुकसान पर चुप क्यों हैं। उन्होंने कर्नाटक में छत्रपति की प्रतिमा को हटाने पर एक भी शब्द क्यों नहीं बोला। उन्हें पहले इसका जवाब देना चाहिए।’
उन्होंने कांग्रेस पर पुस्तकों के जरिए गलत इतिहास पढ़ाने का आरोप लगाया और कहा कि इन पुस्तकों में कहा गया है कि शिवाजी महाराज ने सूरत को लूटा था।
भाषा जोहेब संतोष
संतोष