मुंबई, 28 मई (भाषा) मुंबई की एक सत्र अदालत ने एक सैलून के दो पूर्व कर्मचारियों को 2018 में अपनी 28 वर्षीय सहकर्मी कृति व्यास की हत्या करने के मामले में मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
कृति व्यास 16 मार्च 2018 में लापता हो गई थी। उसका शव अभी तक बरामद नहीं हुआ है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने आरोपी सिद्धेश ताम्हणकर और उसकी महिला सहकर्मी को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या) और 201 ( सबूतों को गायब करना) समेत अन्य धाराओं के तहत सोमवार को दोषी ठहराया था।
न्यायाधीश ने दोनों को मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
ये दोनों उपनगरीय अंधेरी में एक सैलून में ‘अकाउंट’ संबंधी कामकाज देखते थे और व्यास को रिपोर्ट करते थे जो वित्त प्रबंधक थी।
व्यास की हत्या कथित रूप से इसलिए कर दी गई क्योंकि उसने एक आरोपी को ठीक से काम नहीं करने के लिए मेमो जारी किया था। दोनों आरोपियों को अपनी नौकरी जाने के अलावा अपने संबंधों का खुलासा होने का भी डर था।
व्यास को आखिरी बार आरोपियों के साथ देखा गया था।
पुलिस ने बताया कि एक आरोपी की कार में मिले खून के नमूनों की डीएनए जांच के बाद मामले का खुलासा हुआ। उसने कहा था कि वाहन का इस्तेमाल कथित तौर पर अपराध में हुआ था।
इस मामले की जांच का जिम्मा अपराध शाखा को सौंपा गया था, जिसने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
भाषा
सिम्मी नरेश
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