(फाइल फोटो के साथ)
यवतमाल (महाराष्ट्र), 11 नवंबर (भाषा) शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के सिलसिले में प्रचार के दौरान हिंदुओं एवं मुसलमानों के बीच दरार डालने करने की कोशिश कर रहे हैं।
ठाकरे ने यवतमाल के वाणी में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मोदी की गारंटी’ महाराष्ट्र में काम नहीं करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में केवल ‘हिंदू हृदय सम्राट’ बाला साहब ठाकरे की चलती है।’’
राज्य में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी), कांग्रेस के गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना और राकांपा के गठबंधन महायुति से है।
ठाकरे ने कहा, ‘‘ महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के रैलियां संबोधित करने से मुझे कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन जिस तरह से वे ‘कटेंगे तो बटेंगे’ के नारे लगाकर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, वह सही नहीं है।’’
उन्होंने मणिपुर की हिंसा एवं महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा, ‘‘ मणिपुर जल रहा है लेकिन मोदी इस पूर्वोत्तर राज्य में कभी नहीं गये।’’
ठाकरे ने कटाक्ष किया कि अपनी चुनावी रैलियों में अनुच्छेद 370 के निरसन की चर्चा करने से महाराष्ट्र में किसानों को कोई मदद नहीं मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘अमित शाह जी, अनुच्छेद 370 (जिसके हटने से पहले जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्राप्त था) का महाराष्ट्र के किसानों से कोई लेना-देना नहीं है। अनुच्छेद 370 को हटाने की चर्चा करने से न तो सोयाबीन एवं कपास फसलों का उचित मूल्य मिल सकता है और न ही कोयला उद्योगों में रोजगार मिल सकता है।’’
महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा के पक्ष में प्रचार के दौरान मोदी ने अनुसूचित जाति, आदिवासियों एवं ओबीसी को बांटने की कांग्रेस की ‘साजिश’ का जिक्र करते हुए पिछड़ा वर्गों के बीच एकता का आह्वान किया तथा ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का उद्घोष किया था।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश में हिुदओं के खिलाफ हिंसा के मद्देनजर ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा दिया था।
भाषा राजकुमार संतोष
संतोष