(तस्वीरों के साथ)
सोलापुर (महाराष्ट्र), 24 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी डरे हुए हैं और जानते हैं कि मौजूदा आम चुनाव उनके हाथ से फिसल रहा है।
गांधी यहां सोलापुर से कांग्रेस उम्मीदवार प्रणीति शिंदे और उसकी गठबंधन सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के धैर्यशील मोहिते पाटिल के समर्थन में एक चुनावी रैली में बोल रहे थे। पाटिल पड़ोसी माधा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, “न्याय होना ही चाहिए। मोदी ने भारत को अन्याय की राजधानी बना दिया है। वह डरे हुए हैं क्योंकि उन्हें पता है कि चुनाव उनके हाथ से फिसल रहा है। उन्हें पता है कि चुनावी बॉण्ड मामले के कारण चुनाव के बाद उन्हें परेशानी होगी। यही कारण है कि वह लगातार झूठ बोल रहे हैं, लेकिन इस बार वह बच नहीं पाएंगे।”
उन्होंने कहा कि लोगों को एहसास हो गया है कि उन्हें लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करनी है और प्रधानमंत्री इस बात से अवगत हैं।
गांधी ने यह भी दावा किया कि मोदी “अरबपतियों के नेता” हैं, गरीबों के नहीं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं, लेकिन जब कांग्रेस ने जातिगत जनगणना की मांग की, तो उन्होंने कहना शुरू कर दिया कि भारत में कोई जाति नहीं है, तथा केवल अमीर और गरीब हैं।
गांधी ने पूछा, “अगर ऐसा है तो वह खुद को ओबीसी क्यों कहते हैं।”
उन्होंने कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव कोई पहले जैसा चुनाव नहीं है और दावा किया कि भाजपा संविधान को खत्म करना चाहती है।
कांग्रेस नेता ने कहा, “इसका (भाजपा का) उद्देश्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं है, बल्कि संविधान को नष्ट करना है। ‘इंडिया’ गठबंधन हमारे लोकतंत्र को बचाएगा और संविधान की रक्षा करेगा।”
गांधी ने कहा कि भाजपा सांसदों ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि अगर उनकी पार्टी एक और कार्यकाल जीतती है तो संविधान बदल दिया जाएगा और संविधान के बिना गरीबों, किसानों और मजदूरों के लिए कुछ भी नहीं बचेगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने मुट्ठी भर अरबपतियों के 16 लाख करोड़ रुपये के ऋण माफ कर दिए। उन्होंने कहा कि इस राशि से 24 वर्षों के लिए कृषि ऋण माफी या मनरेगा योजना को वित्तपोषित किया जा सकता था।
गांधी ने दावा किया, “देश की 70 करोड़ आबादी के पास उतनी ही संपत्ति है जितनी मुट्ठी भर अरबपतियों के पास है।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि बेरोजगारी अब तक के उच्चतम स्तर पर है, क्योंकि एक प्रतिशत आबादी के पास देश की 40 प्रतिशत संपत्ति है।
उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) सत्ता में आता है, तो यह “करोड़ों लखपति” पैदा करेगा। “महालक्ष्मी योजना (कांग्रेस घोषणापत्र में) गरीब घरों की महिलाओं को हर साल एक लाख रुपये, यानी हर महीने 8,500 रुपये प्रदान करेगी। इसी तरह डिग्री और डिप्लोमाधारकों को एक साल के लिए पीएसयू और अन्य संस्थानों में अप्रेंटिसशिप का अधिकार मिलेगा। उस दौरान, उन्हें उनके बैंक खातों में एक लाख रुपये भी मिलेंगे, जो प्रतिमाह 8,500 रुपये होगा।”
उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी और जीएसटी लागू होने से केवल कुछ अरबपतियों को फायदा हुआ।
उन्होंने कहा, “किसान मोदी से कर्ज माफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य चाहते थे, लेकिन हम किसानों के लिए एक अलग आयोग का गठन करेंगे, जो कर्ज माफी की आवश्यकता समझे जाने स्थिति में इसकी सिफारिश करेगा और तदनुसार ऐसा किया जाएगा। इसके अलावा, जब ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आएगा तो सबसे पहले किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाएगी।
उन्होंने यह भी दोहराया कि जातिगत जनगणना कराने के अलावा, ‘इंडिया’ यह पता लगाने के लिए एक आर्थिक सर्वेक्षण भी करेगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है।
भाषा प्रशांत सुरेश
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