एमएचटी-सीईटी पूरी तरह पारदर्शी, छात्रों की सभी आपत्तियां हल की गईं: शीर्ष अधिकारी

एमएचटी-सीईटी पूरी तरह पारदर्शी, छात्रों की सभी आपत्तियां हल की गईं: शीर्ष अधिकारी

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  • Publish Date - June 22, 2024 / 09:59 PM IST,
    Updated On - June 22, 2024 / 09:59 PM IST

मुंबई, 22 जून (भाषा) इंजीनियरिंग और अन्य पेशेवर पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए महाराष्ट्र सरकार की एमएचटी-सीईटी प्रवेश परीक्षा पूरी तरह पारदर्शी तरीके से आयोजित की गई थी और छात्रों द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों का समाधान किया गया है। एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने इस वर्ष महाराष्ट्र स्वास्थ्य एवं तकनीकी साझा प्रवेश परीक्षा (एमएचटी-सीईटी, इसे आमतौर पर एमएच-सीईटी के रूप में जाना जाता है) के आयोजन के तरीके पर सवाल उठाया है, और कहा है कि पर्सेंटाइल के बजाय छात्रों के अंक जारी किए जाएं।

ठाकरे ने शनिवार को राज्यपाल रमेश बैस से भी मुलाकात की और एमएचटी-सीईटी में व्याप्त ‘‘अव्यवस्था’’ में हस्तक्षेप की मांग की।

ठाकरे ने राजभवन में बैस से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने सीईटी में अव्यवस्था को लेकर राज्यपाल के हस्तक्षेप की मांग की। हमने उनसे सीईटी प्रकोष्ठ को यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि वह छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं जारी करें और न केवल पर्सेंटाइल जारी करें बल्कि उनके अंक भी घोषित करें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने यह भी कहा कि बहुविकल्पीय प्रश्नों में 54 गलतियों के लिए प्रश्नपत्र बनाने वालों को जवाबदेह ठहराया जाए और 1,425 आपत्तियां उठाने वालों की पूरी फीस वापस की जाए।’’

हालांकि, एमएचटी-सीईटी के आयुक्त दिलीप सरदेसाई ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि सभी आपत्तियों का समाधान कर दिया गया है।

सरदेसाई ने कहा कि महाराष्ट्र पहला राज्य था जिसने पेशेवर पाठ्यक्रमों के लिए कम्प्यूटरीकृत और केंद्रीकृत तरीके से प्रवेश प्रक्रिया आयोजित की और बाद में इस पद्धति को केंद्र सरकार ने भी अपनाया क्योंकि यह पारदर्शी और मानवीय हस्तक्षेप से मुक्त है।

एमएचटी-सीईटी के बारे में शिकायतें मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) और यूजीसी-नेट को लेकर बढ़ते विवाद के बीच आई हैं। यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द कर दिया गया है।

सरदेसाई ने कहा, ‘‘राज्य साझा प्रवेश परीक्षा प्रकोष्ठ ने इंजीनियरिंग, फार्मेसी और कृषि संबंधी पाठ्यक्रमों के लिए एमएचटी-सीईटी 2024 प्रवेश परीक्षा 22 से 30 अप्रैल (भौतिक शास्त्र-रसायन विज्ञान-जीव विज्ञान समूह) और दो से 16 मई (भौतिक शास्त्र-रसायन विज्ञान-गणित समूह) के बीच आयोजित की। परीक्षाएं 169 केंद्रों पर आयोजित की गईं।’’

उन्होंने बताया कि एमएचटी-सीईटी में 6,75,377 छात्र शामिल हुए थे, गलत उत्तर देने के लिए अंक नहीं काटे गए, किसी भी छात्र को कृपांक नहीं मिले और परिणाम पर्सेंटाइल पद्धति का उपयोग करके घोषित किए गए।

सरदेसाई ने कहा, ‘‘आपत्तियां दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन सुविधा प्रदान की गई थी। इन आपत्तियों का विषय विशेषज्ञों द्वारा सत्यापन किया गया और फिर उत्तर पुस्तिकाओं को संशोधित किया गया।’’

उन्होंने बताया कि विषय विशेषज्ञों के सुझावों के अनुसार संशोधित उत्तर पुस्तिकाओं को शामिल करते हुए परिणाम प्रक्रिया लागू की गई।

सरदेसाई ने कहा, ‘‘यह आपत्ति भी गलत है कि अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराई गई उत्तर पुस्तिकाओं के अनुसार अंक नहीं मिले।’’

अधिकारी ने बताया कि एक अन्य आपत्ति यह थी कि प्रत्येक बैच के प्रश्नपत्र अलग-अलग होते हैं, लेकिन प्रत्येक सत्र के परिणाम की गणना स्वतंत्र रूप से की जाती है।

सरदेसाई ने कहा कि परीक्षाएं अलग-अलग बैच में आयोजित की जाती हैं, लेकिन एक ही मेधा सूची घोषित की जाती है।

उन्होंने कहा, ‘यह प्रक्रिया सीईटी प्रकोष्ठ की वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी गई है। इसे परीक्षा शुरू होने से काफी पहले अप्रैल 2024 में प्रकाशित कर दिया गया है।’

सरदेसाई ने बताया कि लगभग 200 अभ्यर्थियों और अभिभावकों ने सीईटी प्रकोष्ठ में आपत्तियां प्रस्तुत की थीं और इन सभी आपत्तियों का समाधान कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि कुल 54 अभ्यर्थियों की आपत्तियां विचार करने के लिए स्वीकार की गई थीं और उनके द्वारा जमा कराई गई राशि को ऑनलाइन माध्यम से उनके बैंक खातों में भेज दिया गया है।

भाषा नोमान शफीक

शफीक