जालना, 24 सितंबर (भाषा) मराठों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे की तबीयत मंगलवार को बिगड़ गई।
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठों के लिए आरक्षण की मांग कर रहे जरांगे की भूख हड़ताल आज आठवें दिन भी जारी रही।
जालना के अंतरवाली सरती गांव में विरोध स्थल पर एकत्रित मराठा समुदाय के सदस्यों की अपील के बावजूद जरांगे ने तरल पदार्थ या दवा लेने से इनकार कर दिया है।
जरांगे ने 17 सितंबर को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की थी। एक वर्ष से अधिक समय में उनकी यह छठी भूख हड़ताल है।
जरांगे के समर्थकों ने उनसे चिकित्सा सहायता की अनुमति देने का आग्रह किया है, लेकिन वे अपने दृढ़ संकल्प पर कायम हैं तथा पानी और दवाइयां लेने से इनकार कर रहे हैं।
एक मेडिकल टीम धरनास्थल पर तैनात है, जो उनका इलाज करने की अनुमति मांग रही है, लेकिन जरांगे ने सभी प्रकार की सहायता लेने से इनकार कर दिया है।
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता सतारा, बंबई और हैदराबाद विवरणिका के ऐतिहासिक दस्तावेजों के आधार पर मराठों के रक्त संबंधियों को कुनबी घोषित करने वाली मसौदा अधिसूचना के कार्यान्वयन की मांग कर रहे हैं।
जरांगे, सभी कुनबी (कृषक) और उनके ‘‘सगे सोयरे’’ (रक्त संबंधियों) को मराठा के रूप में मान्यता देने के लिए ओबीसी प्रमाण पत्र की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं।
उनकी प्रमुख मांग सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में मराठों को ओबीसी की श्रेणी के तहत आरक्षण प्रदान करना है।
जरांगे के बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए अधिकारियों ने सुरक्षा बढ़ा दी है तथा गांव और आसपास के इलाकों में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया है।
जरांगे, अंतरवाली सरती में भूख हड़ताल कर रहे हैं, वहीं ओबीसी कोटे में छेड़छाड़ नहीं करने की मांग को लेकर एक जवाबी आंदोलन गांव के पास लक्ष्मण हाके और नवनाथ वाघमारे द्वारा किया जा रहा है।
भाषा रवि कांत रवि कांत शफीक
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