मुंबई, आठ अक्टूबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बिजली शुल्क का भुगतान करने के बावजूद कथित बिजली चोरी के मामले में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी को ‘मनमाना और अनुचित’ करार देते हुए महाराष्ट्र सरकार को उसे 25,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने एक अक्टूबर को अपने फैसले में मुंबई के पुलिस आयुक्त को यह निर्देश भी दिया कि उपनगर चेंबूर में आरसीएफ पुलिस थाने के अधिकारियों द्वारा व्यक्ति की गिरफ्तारी के संबंध में विभागीय जांच कराई जाए।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस को याचिकाकर्ता को मनमाने तरीके से गिरफ्तार करने के बजाय इस बात की पड़ताल करनी चाहिए थी कि क्या उसने भुगतान किया है।
आदेश की प्रति मंगलवार को उपलब्ध हुई।
सामाजिक कार्यकर्ता एलेक्स पर अदाणी इलेक्ट्रिसिटी ने बिजली के मीटर से छेड़छाड़ करने और चेंबूर में अपने घर में अनधिकृत तरीके से सीधी बिजली आपूर्ति प्राप्त करके बिजली कंपनी को 64,000 रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया।
याचिकाकर्ता ने अपनी अर्जी में कहा कि 2018 में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार उसने पुलिस को आश्वासन दिया था कि वह भुगतान कर देगा और जनवरी 2020 तक सभी जरूरी भुगतान कर दिए गए।
हालांकि याचिका के अनुसार, आरसीएफ पुलिस ने 29 जनवरी, 2020 को बिना यह सत्यापित किए एलेक्स को गिरफ्तार कर लिया कि उसने भुगतान किया है या नहीं।
भाषा वैभव मनीषा
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