मुंबई, सात नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के 2008 मालेगांव विस्फोट मामले की मुख्य आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर अपने सूजे हुए चेहरे की एक तस्वीर पोस्ट की। साथ ही आरोप लगाया कि ‘‘कांग्रेस की यातना’’ के कारण उन्हें आजीवन ‘‘घातक पीड़ा’’ हुई और अगर वह जीवित रहीं तो अदालत में पेश होंगी।
मालेगांव विस्फोट मामले में सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत द्वारा सुनवाई में शामिल न होने पर भोपाल की पूर्व भाजपा सांसद के खिलाफ जमानती वारंट जारी करने के दो दिन बाद उन्होंने यह फोटो पोस्ट की।
ठाकुर और छह अन्य व्यक्ति विस्फोट में कथित संलिप्तता के मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। जमानती वारंट जारी करते हुए विशेष अदालत के न्यायाधीश ए.के. लाहोटी ने मंगलवार को कहा कि मामले में अंतिम बहस चल रही है और आरोपियों की उपस्थिति आवश्यक है। वारंट के मुताबिक, 13 नवंबर तक ठाकुर को अदालत में पेश होना होगा।
प्रज्ञा ठाकुर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कांग्रेस की यातना सिर्फ एटीएस की हिरासत तक ही नहीं, मेरे जीवन भर के लिए मृत्युदाई कष्ट का कारण हो गयी। मस्तिष्क में सूजन, आंखों से कम दिखना, कानों से कम सुनना, बोलने में असंतुलन, स्टेरॉयड और न्यूरो की दवाओं से पूरे शरीर में सूजन। एक अस्पताल में उपचार चल रहा है। जिंदा रही तो अदालत अवश्य जाऊंगी।’’
29 सितंबर, 2008 को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर उत्तर महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटक में धमाका होने से छह लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हुए थे।
भाषा शफीक नरेश
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