मुंबई, पांच नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र की विशेष राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत ने मालेगांव में 2008 में हुए धमाके के मामले में आरोपी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ कार्यवाही में उपस्थित नहीं होने पर मंगलवार को जमानती वारंट जारी किया।
विशेष न्यायाधीश ए. के. लाहोटी ने कहा कि बहस अंतिम चरण पर पहुंच गई है और आरोपी की उपस्थिति आवश्यक है, उन्होंने ठाकुर के खिलाफ 10 हजार रुपये का जमानती वारंट जारी किया।
ठाकुर को 13 नवंबर तक अदालत में पेश होकर वारंट को रद्द करवाना होगा।
भाजपा नेता के अधिवक्ता ने उनकी स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण मामलों की विशेष अदालत से उन्हें उपस्थित होने के लिए उचित समय देने का अनुरोध किया।
लेकिन अदालत ने पाया कि आरोपी नंबर एक ठाकुर चार जून से कार्यवाही में उपस्थित नहीं हुईं हैं।
विशेष न्यायाधीश ने कहा कि बीमारी और उपचार को अस्पताल में भर्ती होने के आधार पर छूट के लिए उनके पिछले आवेदनों पर समय-समय पर विचार किया गया था।
अदालत ने उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘‘आज आवेदन पत्र के साथ चिकित्सा प्रमाण पत्र की प्रतिलिपी भी दी गई, जिसमें दिखाया गया है कि वह आयुर्वेदिक उपचार करा रहीं हैं, लेकिन मूल प्रमाण पत्र संलग्न नहीं किया गया है।’’
मुंबई से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में स्थित एक मस्जिद के पास 29 सितंबर 2008 को मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटक उपकरण में धमाका हो जाने से छह लोग मारे गए और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
विशेष न्यायाधीश ए. के. लाहोटी द्वारा आरोपियों के अंतिम बयान दर्ज किए जाने के साथ ही यह मुकदमा अपने अंतिम चरण में है और आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) तथा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
विस्फोट की साजिश में कथित संलिप्तता के लिए ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और पांच अन्य लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) तथा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत मुकदमा लगाया गया है।
इस मामले की जांच शुरू में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) महाराष्ट्र द्वारा की गई थी और 2011 में इसे एनआईए को सौंप दिया गया था।
भाषा यासिर माधव
माधव