(तस्वीरों के साथ)
मुंबई, 10 नवंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति पूर्ण बहुमत से सत्ता में लौटेगा और विधानसभा चुनाव के बाद गठबंधन के साझेदार मुख्यमंत्री पद पर फैसला लेंगे।
राज्य में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का घोषणापत्र जारी करने के बाद यहां पत्रकारों से बातचीत में शाह ने विश्वास जताया कि महायुति चुनाव जीतेगा।
शाह ने कहा कि महायुति गठबंधन के तीनों साझेदार- भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने अपने घोषणपत्र जारी किए हैं तथा चुनावों के बाद तीनों दलों के मंत्रियों की एक समिति गठित की जाएगी, जो घोषणापत्र में किए गए वादों को प्राथमिकता देने पर फैसला लेगी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘अभी एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं। चुनाव के बाद गठबंधन के तीनों साझेदार मुख्यमंत्री पद पर फैसला लेंगे।’’
उन्होंने कहा कि शिवसेना और राकांपा दो धड़ों में इसलिए बंटी क्योंकि उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के बजाय अपने बेटे को तरजीह दी और शरद पवार ने अजित पवार के बजाय अपनी बेटी को तरजीह दी।
शाह ने कहा, ‘‘ये दल अपने परिवार के सदस्यों को प्राथमिकता देते हैं और पार्टी बंट जाती है। वे बिना किसी बात के भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हैं।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा परिवार आधारित राजनीति के खिलाफ है।
शाह ने कांग्रेस के इन आरोपों को भी खारिज किया कि भाजपा आरक्षण को कमजोर करना चाहती है।
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने ही ओबीसी को आरक्षण दिया। बल्कि हमने आरक्षण मजबूत किया।’’
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संविधान की प्रति लहराने की सच्चाई का पर्दाफाश हो गया है क्योंकि उसमें खाली पृष्ठ हैं।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘वह (गांधी) अब मजाक का पात्र बन गए हैं।’’
शाह ने कहा कि विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) नेतृत्व महिलाओं के लिए महायुति सरकार की लाडकी बहिन योजना को निशाना बनाता रहा है लेकिन उसने अधिक वित्तीय सहायता देने का ऐसा ही आश्वासन दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह उनका विरोधाभास दिखाता है। हमारे प्रदर्शन की समीक्षा करने के बजाय राहुल गांधी को यह देखना चाहिए कि उनकी पार्टी द्वारा शासित राज्यों में क्या हो रहा है।’’
शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस की जाति की राजनीति का उद्देश्य देश को विभाजित करना है।
गृह मंत्री ने निवेश के मामले में महाराष्ट्र के पिछड़ने के एमवीए के आरोपों को खारिज किया।
उन्होंने कहा, ‘‘एमवीए के शासन के दौरान महाराष्ट्र प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मामले में चौथे स्थान पर था जबकि पिछले दो साल में राज्य को सबसे ज्यादा एफडीआई मिला।’’
भाषा
गोला नेत्रपाल
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