जालना (महाराष्ट्र), 29 जनवरी (भाषा) मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे का अनशन बुधवार को पांचवें दिन भी जारी रहने के बीच उनका स्वास्थ्य खराब हो रहा है लेकिन उन्होंने नसों के जरिए तरल पदार्थ (इंट्रावेनस फ्लूड) लेने से इनकार कर दिया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुरेश धस ने सुबह महाराष्ट्र में जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में धरना स्थल पर जरांगे से मुलाकात की और उनसे नसों के जरिए तरल पदार्थ लेने का आग्रह किया।
जरांगे के अलावा महिलाओं सहित 104 कार्यकर्ता अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर 25 जनवरी से भूख हड़ताल कर रहे हैं।
जरांगे ने आरक्षण के अलावा बीड जिले के मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या में शामिल लोगों के लिए मृत्युदंड की भी मांग की है। संतोष देशमुख का नौ दिसंबर, 2024 को अपहरण कर उन्हें प्रताड़ित किया गया था और उनकी हत्या कर दी गई थी।
पुलिस ने इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
जरांगे ने स्थानीय लोगों के अनुरोध पर सोमवार रात को थोड़ा पानी पिया था। वह मंगलवार को भी संतोष देशमुख के परिवार के अनुरोध के बाद पानी पीने के लिए राजी हुए थे।
हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद उन्होंने नसों के माध्यम से तरल पदार्थ लेने से इनकार कर दिया है।
जिला सिविल सर्जन डॉ. आर.एस. पाटिल और एक चिकित्सकीय दल प्रदर्शन स्थल पर मौजूद है। उन्होंने जरांगे से चिकित्सकीय मदद स्वीकार करने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया।
जरांगे उस मसौदा अधिसूचना के क्रियान्वयन की मांग कर रहे हैं, जिसमें कुनबी समुदाय को मराठा समुदाय के सदस्यों के ‘सगे सोयरे’ (रक्त संबंधी) माना गया है, ताकि उन्हें ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) श्रेणी के तहत आरक्षण दिया जा सके।
जरांगे ने शनिवार को उम्मीद जताई थी कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मराठा समुदाय की मांगों को मानेंगे।
यह एक सितंबर 2023 के बाद से उनका सातवां अनिश्चितकालीन अनशन है। उस समय पुलिस ने अंतरवाली सराटी में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था।
भाषा
सिम्मी मनीषा
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