महाराष्ट्र: ट्रांसपोर्टर ने वाणिज्यिक वाहनों के फिटनेस प्रमाणपत्र नवीनीकरण में देरी की शिकायत की

महाराष्ट्र: ट्रांसपोर्टर ने वाणिज्यिक वाहनों के फिटनेस प्रमाणपत्र नवीनीकरण में देरी की शिकायत की

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  • Publish Date - September 22, 2024 / 08:21 PM IST,
    Updated On - September 22, 2024 / 08:21 PM IST

मुंबई, 22 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के वाणिज्यिक वाहन मालिकों ने दावा किया कि उन्हें फिटनेस प्रमाणपत्रों के नवीनीकरण में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, विशेष रूप से बीएस-चार और बीएस-छह उत्सर्जन मानदंडों के अनुरूप वाहनों पर स्पीड लिमिटिंग डिवाइस (एसएलडी) को लेकर।

ट्रांसपोर्टर ने कहा कि राष्ट्रीय वाहन पंजीकरण पोर्टल- वाहन प्रणाली में बदलाव के बाद अगस्त के मध्य में समस्याएं शुरू हुईं। उन्होंने कहा कि ट्रक, टेम्पो, टैक्सी और बसों जैसे वाणिज्यिक वाहनों के लिए फिटनेस नवीनीकरण प्रक्रिया के दौरान एसएलडी प्रमाणपत्र विवरण प्रदान करना अनिवार्य हो गया है।

पीटीआई ने जिन कई ट्रांसपोर्टर और आरटीओ अधिकारियों से बात की तथा उन्होंने इस जरूरत को अनावश्यक बताया। उनकी दलील थी कि इससे न केवल फिटनेस प्रमाणपत्रों के नवीनीकरण में देरी होती है, बल्कि भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलता है, जिससे वाहन मालिकों को डीलर और आरटीओ एजेंट से सहायता लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

बीएस4 और बीएस6 केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित ‘भारत स्टेज’ (बीएस) उत्सर्जन मानदंड हैं।

केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) के नियम 118 के तहत, सभी वाणिज्यिक वाहनों (ऑटो रिक्शा और क्वाड्रिसाइकिल को छोड़कर) में एसएलडी या स्पीड गवर्नर लगाए जाने चाहिए ताकि गति को 80 किलोमीटर/घंटा से कम रखा जा सके, यह नियम एक अक्टूबर 2015 से लागू किया गया था।

पुराने वाहनों में बाहरी स्पीड गवर्नर लगे होते थे, जबकि नए मॉडल में गति नियंत्रण के लिए इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ईसीयू) की सुविधा होती है।

परिवहन विभाग को विस्तृत एसएलडी जानकारी की आवश्यकता होती है – जिसमें विशिष्ट पहचान संख्या, अनुमोदन और फिटमेंट तिथियां और परीक्षण रिपोर्ट संख्याएं शामिल हैं – जिसे वाहन प्रणाली में अपडेट किया जाना चाहिए। इस जानकारी के बिना, फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जा सकते, जिससे कई बीएस-4 और बीएस-6 वाहन के फिटनेस प्रमाणपत्र की प्रक्रिया अधर में लटक जाती है।

एक वरिष्ठ मोटर वाहन निरीक्षक ने कहा, ‘‘वाहन प्रणाली पर एसएलडी विवरण अपडेट किए बिना, वाहनों के लिए फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं बनाए जा सकते।’’ उन्होंने कहा कि कई बीएस-4 और बीएस-6 वाहनों के लिए फिटनेस नवीनीकरण अभी भी लंबित है।

आठ साल तक, वाणिज्यिक वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र दो साल बाद और फिर साल में एक बार नवीनीकृत किए जाते थे। ट्रांसपोर्टर का कहना है कि वे इस स्थिति से निराश हैं।

उप परिवहन आयुक्त (कंप्यूटर) शैलेश कामत ने फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने में जटिलताओं को स्वीकार किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि ईसीयू विवरण अपडेट करने की आवश्यकता केवल उन वाहनों पर लागू होती है जिनके सिस्टम में अधूरी या अनुपलब्ध जानकारी होती है।

बारह सितंबर को महाराष्ट्र परिवहन आयुक्त कार्यालय ने आरटीओ को सीरियल नंबर और अनुमोदन प्रमाणपत्र सहित विस्तृत ईसीयू जानकारी सिस्टम में डालने का आदेश दिया।

कामत ने कहा कि एआरटीओ रैंक और उससे ऊपर के आरटीओ अधिकारियों को वाहन सिस्टम को अपडेट करने का अधिकार दिया गया है और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) को इन मुद्दों को हल करने के लिए आवश्यक ‘व्यवस्था परिवर्तन‘ लागू करने के लिए कहा गया है।

भाषा अमित नरेश

नरेश