चुनाव में आतंकी वित्तपोषण की जांच कर रहा एटीएस, ‘विदेशी दखल ‘ के साक्ष्य मिले : फडणवीस

चुनाव में आतंकी वित्तपोषण की जांच कर रहा एटीएस, 'विदेशी दखल ' के साक्ष्य मिले : फडणवीस

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  • Publish Date - December 19, 2024 / 09:53 PM IST,
    Updated On - December 19, 2024 / 09:53 PM IST

नागपुर, 19 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को कहा कि आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में ‘आतंकी फंड’ के इस्तेमाल की जांच कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि ‘भारतीय चुनावों में विदेशी दखल के सबूत’ मिले हैं।

फडणवीस ने नासिक जिले के मालेगांव के एक मामले का जिक्र किया, जिसकी जांच जारी है। उन्होंने नेपाल में हुई एक बैठक का भी उल्लेख किया, जिसमें ईवीएम हटाने और चुनावों में मतपत्रों का इस्तेमाल करने की आवश्यकता पर विचार-विमर्श किया गया।

फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि विपक्ष ने विधानसभा चुनाव जीतने के लिए सभी हथकंडे अपनाए।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह विपक्ष की देशभक्ति पर सवाल नहीं उठा रहे हैं, लेकिन उन्हें यह एहसास होना चाहिए कि देश में अशांति पैदा करने के लिए वे किसे अपने कंधों का इस्तेमाल करने की इजाजत दे रहे हैं।

फडणवीस ने कहा, ‘चुनाव जीतने के लिए वोट जिहाद की बात कही गई। आपको 17 मांगें सौंपी गईं और आप चुप रहते हैं। इसी साल मालेगांव में कुछ युवाओं ने पुलिस से उनके खातों में 114 करोड़ रुपये की बेनामी रकम जमा होने की शिकायत की थी। आरोपी सिराज मोहम्मद ने मालेगांव में नासिक मर्चेंट्स कोऑपरेटिव बैंक में 14 खाते खोलने के लिए 14 व्यक्तियों के आधार और पैन विवरण का इस्तेमाल किया था।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरीके से जमा किए गए 114 करोड़ रुपये सिराज मोहम्मद को और 21 अन्य खातों में भेज दिए गए। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल मालेगांव तक सीमित नहीं है, बल्कि 21 राज्यों में फैला हुआ है, जिसमें 201 खातों में 1,000 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।

फडणवीस ने कहा कि 1,000 करोड़ रुपये में से 600 करोड़ रुपये दुबई भेजे गए, जबकि 100 करोड़ रुपये का इस्तेमाल महाराष्ट्र चुनाव में विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया गया।

उन्होंने कहा, ‘एटीएस इसकी जांच आतंकी वित्त पोषण के हिस्से के रूप में कर रहा है। भारतीय चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप के सबूत हैं। विपक्ष किसी और को अपने कंधों का इस्तेमाल करने की इजाजत दे रहा है।’

फडणवीस ने कहा कि इस साल 15 नवंबर को नेपाल की राजधानी काठमांडू में एक बैठक हुई थी, जिसमें (राहुल गांधी के नेतृत्व वाली) ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में हिस्सा लेने वाले कुछ संगठन शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि बैठक में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के विरोध और महाराष्ट्र और भाजपा शासित राज्यों में मतपत्रों का इस्तेमाल शुरू करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई थी।

फडणवीस ने कहा कि जब महाराष्ट्र में कांग्रेस और (अविभाजित) राकांपा का शासन था और केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार थी, तब ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में हिस्सा लेने वाले 180 संगठनों में से 40 को ‘मुखौटा संगठन’ (किसी अन्य संगठन द्वारा स्थापित और नियंत्रित इकाई) के रूप में नामित किया गया था।

उन्होंने कहा कि इन संगठनों ने विधानसभा चुनावों में महा विकास आघाडी (एमवीए) के लिए प्रचार किया।

एमवीए में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं।

भाषा पारुल अविनाश

अविनाश