महाराष्ट्र चुनाव : पुणे के मतदाताओं ने ‘नागरिक घोषणापत्र’ के माध्यम से स्थानीय मुद्दे उठाए

महाराष्ट्र चुनाव : पुणे के मतदाताओं ने ‘नागरिक घोषणापत्र’ के माध्यम से स्थानीय मुद्दे उठाए

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  • Publish Date - November 11, 2024 / 10:48 AM IST,
    Updated On - November 11, 2024 / 10:48 AM IST

पुणे (महाराष्ट्र), 11 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही पुणे के लोगों ने बुनियादी मुद्दे उठाने के लिए ‘‘नागरिक घोषणापत्र’’ के रूप में अपनी मांगों का मसौदा तैयार कर उम्मीदवारों से अपने चुनावी घोषणापत्रों में इन मांगों को शामिल करने का आग्रह किया है।

बुनियादी मुद्दों के आधार पर नागरिकों ने नियमित जलापूर्ति का अभाव, खस्ताहाल सड़क अवसंरचना, अतिक्रमण, यातायात व्यवधान, अव्यवस्थित जल निकासी प्रणाली, ध्वनि प्रदूषण, अक्सर होती बिजली की कटौती और विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की आवश्यकता जैसी मांगों को उठाया है।

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को राज्य विधानसभा चुनाव होने हैं और मतगणना 23 नवंबर को होगी।

दक्षिण पुणे के मोहम्मदवाड़ी और उंद्री के लोगों ने एक स्थानीय कल्याण मंच के तत्वावधान में अपर्याप्त जलापूर्ति, अक्सर होती बिजली कटौती, यातायात की समस्या, अपशिष्ट निस्तारण और प्रबंधन, अतिक्रमण तथा रात में पुलिस गश्त की कमी आदि की लंबे समय से चली आ रही नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए अपना स्वयं का घोषणापत्र तैयार किया है।

उनका दावा है कि क्षेत्र की 60 से अधिक आवासीय ‘सोसायटी’ में 18 वर्ष से अधिक समय से विशेषकर जलापूर्ति समेत अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।

पुणे नगर निगम की ओर से पाइप लाइन से पानी की सुविधा न होने के कारण इन ‘सोसायटी’ को पानी के लिए निजी टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ता है और इससे सामूहिक रूप से प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए खर्च होते हैं।

उंद्री में सोसायटी ‘न्याति चेस्टरफील्ड’ के निवासी सुनील अय्यर ने दावा किया कि वे 20 वर्षों से अधिक समय से इस क्षेत्र में रह रहे हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं में कोई उल्लेखनीय सुधार उन्होंने नहीं देखा है।

अय्यर ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है और हमने नगर निकाय, विधायकों तथा सांसदों सहित सभी अधिकारियों से संपर्क किया है, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।

निराश होकर स्थानीय लोगों ने चुनाव का बहिष्कार करने पर भी विचार किया, यहां तक ​​कि उन्होंने अपनी ‘सोसायटी’ के बाहर “पानी नहीं तो वोट नहीं” के बोर्ड भी लगा दिए, लेकिन अब आखिरी में उन्होंने घोषणापत्र का रास्ता अपनाया।

‘मोहम्मदवाड़ी-उंद्री रेजिडेंट्स वेलफेयर डेवलपमेंट फाउंडेशन’ के प्रमुख सदस्य एवं एक अन्य स्थानीय निवासी सुनील कोलोती ने कहा कि वे 18 वर्षों से बुनियादी सुविधाओं के अभाव में रहते हुए नगर निगम को कर का भुगतान कर रहे हैं।

अन्य निवासी वैदेही सूर्यवंशी ने कहा कि उन्होंने पुरंदर सीट के दो स्थानीय उम्मीदवारों – राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) के संभाजी जेंडे और शिवसेना (मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट) के विजय शिवतारे को अपना घोषणापत्र सौंप कर उनसे इन मुद्दों को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया है।

इन लोगों ने पुरन्दर सीट से विधायक संजय जगताप (कांग्रेस) को विचार-विमर्श के लिए भी आमंत्रित किया है।

भाषा यासिर सुरभि मनीषा

मनीषा