मुंबई, 27 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में हार का सामना करने वाले महा विकास आघाडी (एमवीए) के उम्मीदवारों ने अपने अपने क्षेत्रों में ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम)’ और ‘वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल्स (वीवीपैट)’ इकाइयों के सत्यापन की मांग करने का फैसला किया है। विपक्षी गठबंधन के एक नेता ने यह जानकारी दी।
विपक्षी शिवसेना (यूबीटी) के हारने वाले कई उम्मीदवारों ने मंगलवार को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ बातचीत के दौरान ईवीएम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
ठाकरे ने मुंबई स्थित अपने आवास पर आयोजित बैठक में अपनी पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन की समीक्षा की।
पिछले सप्ताह आए चुनावी नतीजों में शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति गठबंधन ने भारी बहुमत के साथ सत्ता बरकरार रखी तथा एमवीए को हाशिये पर धकेल दिया।
महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा में महायुति गठबंधन को 230 सीट और एमवीए को केवल 46 सीट मिलीं।
ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) 20 सीट जीतकर विपक्षी खेमे में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, उसके बाद कांग्रेस ने 16 सीटें जीतीं, जबकि राकांपा (शरदचंद्र पवार) 10 सीट के साथ सबसे पीछे रही।
मुंबई के चांदीवली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हारने वाले कांग्रेस के नेता आरिफ नसीम खान ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा कि उन्होंने ठाकरे से चर्चा की। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से शिकायत मिली है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है।
खान ने कहा, ‘‘हमें राज्य के विभिन्न हिस्सों से परिणामों पर संदेह व्यक्त करते हुए शिकायतें मिल रही हैं। लोकतंत्र में शिकायतों का सत्यापन होना जरूरी है और मेरे साथ ही हममें से कई लोग (जो हार गए हैं) सत्यापन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया में हैं।’’
मुंबई से शिवसेना (यूबीटी) के एक विधायक ने दावा किया है कि डाले गए वोट और ईवीएम में गिने गए वोट की संख्या में विसंगतियां थीं।
विधायक ने कहा, ‘‘लगभग सभी उम्मीदवारों ने ईवीएम की कार्यप्रणाली पर संदेह जताया है।’’
भाषा यासिर मनीषा
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