मुंबई, 30 नवंबर (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने शनिवार को दावा किया कि हाल में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे पारदर्शिता की कमी को दर्शाते हैं और कहा कि सरकार तथा निर्वाचन आयोग को चुनावी प्रक्रिया पर लोगों के संदेह को दूर करने की जरूरत है।
उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के फैसले को ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ करार दिया।
कांग्रेस नेता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता बाबा आढाव से बात की, जो हाल में हुए महाराष्ट्र चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के कथित दुरुपयोग के खिलाफ पुणे में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
नब्बे वर्ष से अधिक आयु के आढाव ने बृहस्पतिवार को शहर में समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के निवास फुले वाडा में अपना तीन दिवसीय धरना शुरू किया।
पटोले ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में पारदर्शिता की कमी है। हमारा मानना है कि यह फैसला लोकतंत्र की हत्या है। जब लोग चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं, तो निर्वाचन आयोग और सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वे उनके संदेहों को दूर करें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. बाबा आढाव, महात्मा फुले वाडा में धरने पर बैठे हैं। डॉ. आढाव को फोन कर उनके आंदोलन में उनके साथ एकजुटता व्यक्त की और भरोसा दिलाया कि लोकतंत्र को बचाने के लिए मैं उनके साथ हूं।’’
राज्य में 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति ने शानदार जीत दर्ज की और विधानसभा की 288 सीट में से 230 जीतकर राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखी।
विधानसभा चुनाव में, भारतीय जनता पार्टी ने 132, जबकि शिवसेना ने 57 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 41 सीट पर जीत दर्ज की। विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) के घटक दल शिवसेना (उबाठा) ने 20, कांग्रेस ने 16 और राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने 10 सीट पर जीत हासिल की।
चुनाव नतीजों के बाद विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ दलों ने जीत हासिल करने के लिए ईवीएम में हेराफेरी की है।
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