ओबीसी कोटे पर फैसला होने के बाद महाराष्ट्र निकाय चुनाव अप्रैल 2025 तक हो सकते हैं : बावनकुले

ओबीसी कोटे पर फैसला होने के बाद महाराष्ट्र निकाय चुनाव अप्रैल 2025 तक हो सकते हैं : बावनकुले

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  • Publish Date - December 25, 2024 / 05:45 PM IST,
    Updated On - December 25, 2024 / 05:45 PM IST

नागपुर, 25 दिसंबर (भाषा)महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को कहा कि अगर उच्चतम न्यायालय जनवरी के पहले सप्ताह में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण पर अपना फैसला दे देता है तो राज्य में स्थानीय निकायों के लंबित चुनाव मार्च-अप्रैल 2025 में होंगे।

बावनकुले ने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ओबीसी के लिए कोटे पर सुनवाई जनवरी के पहले सप्ताह में शीर्ष अदालत में सूचीबद्ध है।

राजस्व मंत्री ने कहा, ‘‘राज्य चुनाव आयोग चुनाव कराएगा और राज्य सरकार पूरी सहायता प्रदान करेगी।’’

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) सहित अधिकांश नगर निगमों और राज्य के अन्य स्थानीय निकायों का पांच साल का कार्यकाल 2022 में समाप्त हो रहा है।

उच्चतम न्यायालय ने दिसंबर 2021 में फैसला दिया था कि स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी जब तक कि सरकार शीर्ष अदालत के 2010 के आदेश में निर्धारित ‘तीन कसौटियों’ को पूरा नहीं करती।

तीन कसौटियों के लिए राज्य सरकार को प्रत्येक स्थानीय निकाय में ओबीसी के पिछड़ेपन पर आंकड़े एकत्र करने के लिए एक समर्पित आयोग स्थापित करने की आवश्यकता थी, ताकि आयोग की सिफारिशों के आलोक में प्रत्येक स्थानीय निकाय में आरक्षण का अनुपात तय किया जा सके, तथा यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसा आरक्षण एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षित कुल सीटों के 50 प्रतिशत से अधिक न हो।

बावनकुले ने कहा कि ऐसी शिकायतें मिली हैं कि महाराष्ट्र में वक्फ बोर्ड ने निजी धर्मार्थ न्यासों और शैक्षणिक संस्थानों की कई संपत्तियों पर जबरन कब्जा कर लिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ वक्फ (संशोधन) विधेयक संसद से पारित किये जाने के बाद उसे महाराष्ट्र में लागू किया जाएगा। यदि कोई गलती हैं, तो उन्हें सुधारा जाएगा।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को उनकी जमीन के स्वामित्व के लिए ई-संपत्ति कार्ड प्रदान करने के लिए गांवों की आबादी का सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में सुधारित प्रौद्योगिकी के साथ मानचित्रण (स्वामित्व) के तहत 2021 में गांवों का ड्रोन सर्वेक्षण करने की प्रक्रिया शुरू हुई है।

उन्होंने कहा कि 30,515 गांवों में से 15,327 गांवों में ई-प्रॉपर्टी कार्ड तैयार हो चुके हैं और जल्द ही वितरित कर दिए जाएंगे।

भाषा धीरज नरेश

नरेश