मुंबई, 26 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के परभणी जिले में पिछले साल दिसंबर में एक दलित प्रदर्शनकारी की हिरासत में हुई मौत की जांच राज्य सीआईडी को सौंप दी गई है। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
एक अधिकारी ने बताया कि मध्य महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर स्थित अपराध जांच विभाग (सीआईडी) इकाई ने हाल में परभणी पुलिस से प्रदर्शनकारी सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत की जांच अपने हाथ में ले ली है।
सूर्यवंशी (35) की 15 दिसंबर को न्यायिक हिरासत में परभणी जिले के एक सरकारी अस्पताल में मौत हो गई थी। कुछ दिनों पहले उन्हें संविधान की कांच से बनी प्रतिकृति के अपमान को लेकर शहर में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा था कि सूर्यवंशी की बीमारी के कारण मौत हुई थी।
हालांकि, मजिस्ट्रेट जांच के निष्कर्ष में कहा गया कि सूर्यवंशी की मौत के लिए पुलिस जिम्मेदार थी। महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग ने पिछले सप्ताह इस प्रकरण से संबंधित शिकायतों की सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी थी।
अधिकारी ने बताया कि सीआईडी टीम उस दिन (10 दिसंबर) के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है, जब कानून के छात्र सूर्यवंशी संविधान की प्रतिकृति का अपमान किए जाने के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे थे।
उन्होंने बताया कि टीम मामले में अब तक एकत्र किए गए साक्ष्यों की जांच कर रही है और मौत के कारण और तरीके का पता लगाने के लिए शव के पोस्टमार्टम और विसरा (आंतरिक अंगों) के रासायनिक विश्लेषण से संबंधित अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
अधिकारी के मुताबिक, अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद मामले में नयी धाराएं जोड़ने पर फैसला लिया जाएगा।
जनवरी में महाराष्ट्र सरकार ने सूर्यवंशी की हिरासत में हुई मौत की न्यायिक जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश वीएल अचलिया की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति गठित की थी।
सूर्यवंशी को 50 अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ परभणी रेलवे स्टेशन के पास डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा पर स्थापित संविधान की प्रतिकृति को तोड़े जाने के विरोध में प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।
परभणी पुलिस ने तब दावा किया था कि स्थानीय अदालत के आदेश पर जेल भेजे गए सूर्यवंशी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। हालांकि, अनंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया था कि प्रदर्शनकारी की मृत्यु ‘‘कई चोटों के बाद सदमे’’ के कारण हुई थी।
भाषा आशीष पारुल
पारुल