महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने शिंदे समिति की कुनबी-मराठा प्रमाण पत्र देने संबंधी रिपोर्ट स्वीकार की

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने शिंदे समिति की कुनबी-मराठा प्रमाण पत्र देने संबंधी रिपोर्ट स्वीकार की

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  • Publish Date - September 30, 2024 / 03:22 PM IST,
    Updated On - September 30, 2024 / 03:22 PM IST

मुंबई, 30 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने न्यायमूर्ति शिंदे समिति की दूसरी और तीसरी रिपोर्ट सोमवार को स्वीकार कर ली, जिसका गठन ऐतिहासिक अभिलेखों के आधार पर कुनबी-मराठा और मराठा-कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने के लिए प्रोटोकॉल को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से किया गया था।

कुनबी एक कृषक समुदाय है और इसे महाराष्ट्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है।

विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने 38 प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिनमें से कुछ मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में सड़क और मेट्रो रेल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने से संबंधित थे।

न्यायमूर्ति संदीप शिंदे (सेवानिवृत्त) समिति ने पिछले दिसंबर में अपनी दूसरी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसे राज्य सरकार ने आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया था।

राज्य मंत्रिमंडल द्वारा शिंदे समिति की रिपोर्ट को सोमवार को स्वीकार किए जाने को, पिछड़े समुदायों द्वारा विरोध के बीच ओबीसी श्रेणी में शामिल किए जाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे मराठा समुदाय को शांत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

सरकार ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने ठाणे रिंग मेट्रो परियोजना के लिए 12,200 करोड़ रुपये के संशोधित प्रस्ताव को भी मंजूरी दी और ठाणे-बोरीवली सुरंग मार्ग के लिए ऋण के माध्यम से 15,000 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी।

चुनाव कार्यक्रम और आचार संहिता की घोषणा की संभावना को देखते हुए राज्य सरकार लगातार मंत्रिमंडल की बैठकें कर रही है। 23 सितंबर को आयोजित पिछली बैठक में सरकार ने तीन कुनबी उपजातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग खंड में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

अधिकारियों ने कहा था कि पिछली कैबिनेट बैठक में गाय के दूध उत्पादकों के लिए सात रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी जारी रखने सहित कुल 24 निर्णय लिए गए थे।

भाषा अमित मनीषा

मनीषा