महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करेगा : सत्यपाल मलिक

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करेगा : सत्यपाल मलिक

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  • Publish Date - September 21, 2024 / 11:01 PM IST,
    Updated On - September 21, 2024 / 11:01 PM IST

मुंबई, 21 सितंबर (भाषा) पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर के अंतिम राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव देश के राजनीतिक परिदृश्य को काफी प्रभावित करेंगे।

जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जा को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मलिक ने मुंबई में एक नागरिक संस्था के कार्यक्रम में कहा कि महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे ‘‘भाजपा के ताबूत में आखिरी कील’’ साबित होंगे।

कार्यक्रम में शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत और समाजवादी पार्टी के अबू आजमी सहित कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियां मौजूद थीं।

मलिक ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र (विधानसभा चुनाव के बाद) देश को दिशा देगा।’’

उन्होंने महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव में देरी के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि विपक्षी दलों से हारने के डर से ऐसा किया जा रहा है।

अपने राजनीतिक विश्लेषण में, मलिक ने अनुमान जताया कि कांग्रेस हरियाणा में लगभग 60 सीटें हासिल कर सकती है, जबकि भाजपा केवल 20 सीटें ही जीत सकती है।

इसके अलावा, मलिक ने 2019 के पुलवामा आतंकी हमले की व्यापक जांच की अपनी अपील दोहराई, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 कर्मियों की जान चली गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं पुलवामा हमले की जांच की मांग करता हूं ताकि पता चल सके कि हमारे सैनिक कैसे मारे गए और कौन इसके लिए जिम्मेदार था। इस त्रासदी के लिए एक भी व्यक्ति को परिणाम नहीं भुगतना पड़ा है।’’

मलिक, जो पांच अलग-अलग राज्यों में राज्यपाल के रूप में सेवा दे चुके हैं, ने दावा किया कि उन्हें केंद्र सरकार से उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान उनका पांच बार तबादला किया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि धमकियों के बावजूद उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई और उन्हें आवास देने से मना कर दिया गया।

इसके अलावा, उन्होंने सरकार पर उनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।

मौजूदा सरकार के मुखर आलोचक मलिक ने टिप्पणी की कि भाजपा ने हमले के तीसरे दिन से ही पुलवामा की घटना का राजनीतिकरण कर दिया और मतदाताओं से मतदान करते समय शहीदों को याद करने का आग्रह किया।

भाजपा ने मलिक के दावों का विरोध करते हुए तर्क दिया है कि उनके पास राज्यपाल के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान कार्रवाई करने का अधिकार था। उनका यह कार्यकाल उस वर्ष फरवरी से अक्टूबर तक रहा था।

मलिक ने दिल्ली के पास किसानों के विरोध प्रदर्शन से निपटने के सरकार के तरीके के बारे में भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने दावा किया कि वह इस मुद्दे पर इस्तीफा देने के लिए तैयार थे, लेकिन एक केंद्रीय मंत्री ने उन्हें ऐसा करने से रोका था।

भाषा सुभाष रंजन

रंजन