केरल सरकार ने हेमा समिति की रिपोर्ट में नामित लोगों को बचाने की कोशिश की: पूर्व मंत्री मुरलीधरन

केरल सरकार ने हेमा समिति की रिपोर्ट में नामित लोगों को बचाने की कोशिश की: पूर्व मंत्री मुरलीधरन

  •  
  • Publish Date - August 29, 2024 / 05:36 PM IST,
    Updated On - August 29, 2024 / 05:36 PM IST

मुंबई, 29 अगस्त (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता वी मुरलीधरन ने बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति के हेमा समिति की रिपोर्ट पर ‘‘समय पर कार्रवाई नहीं करने’’ के लिए केरल सरकार पर निशाना साधा। इस रिपोर्ट में मलयालम फिल्म जगत में महिलाओं के उत्पीड़न एवं शोषण के मामलों का खुलासा किया गया है।

उन्होंने पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली सरकार पर आरोप लगाया कि कोलकाता के एक अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित तौर पर दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या की घटना के विरोध में देशभर में हुए प्रदर्शन के बावजूद वह मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक विधायक सहित रिपोर्ट में नामित लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है।

मुरलीधरन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘केरल ऐसा राज्य है जहां महिलाओं को हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबर माना जाता है। ऐसे राज्य के फिल्म उद्योग में अगर महिलाओं को दोयम दर्जे का नागरिक माना जाता है, तो सरकार की जिम्मेदारी है कि वह कार्रवाई करे।’’

वर्ष 2017 में एक अभिनेत्री पर हमले के बाद केरल सरकार द्वारा गठित न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न एवं शोषण के मामलों का खुलासा किया गया है, जिसके बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है।

न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म उद्योग में खलबली मचा दी है, और केरल सरकार को समय रहते कार्रवाई न करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

मुरलीधरन ने कहा, ‘‘कानून यह निर्धारित करता है कि जब ऐसी कोई घटना (यौन उत्पीड़न की) होती है…जब कुछ खुलासा होता है, तो किसी को भी लिखित शिकायत प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होती है। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि जब भी ऐसा कोई संज्ञेय अपराध होता है, तो सरकार उसके संज्ञान में आने पर कार्रवाई कर सकती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जिन मंत्रियों को रिपोर्ट सौंपी गई थी, उनमें गृह विभाग संभालने वाले मुख्यमंत्री भी शामिल हैं, उन्होंने रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया। रिपोर्ट में ऐसे अत्याचारों के लिए जिम्मेदार लोगों के नाम हैं।’’

पूर्व मंत्री ने दावा किया, ‘‘राज्य सरकार ने रिपोर्ट पर समय पर कार्रवाई नहीं की। इसने रिपोर्ट में नामित माकपा विधायक समेत अन्य लोगों को बचाने की कोशिश की।’’

उन्होंने कहा कि केरल के लोग सरकार के रुख से खफा हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार रिपोर्ट पर कानून के मुताबिक कार्रवाई करने के बजाय पूरे मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।

मुरलीधरन ने कहा, ‘‘सरकार कह रही है कि हम एक सम्मेलन आयोजित करेंगे, लेकिन सम्मेलन तो भविष्य के समाधान खोजने के लिए उपयोगी होता है। जब कोई अपराध होता है तो एक प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए, पीड़ित को 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान देने की अनुमति दी जानी चाहिए। एक प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पूछताछ जांच होनी चाहिए। यदि अपराधी को हिरासत में लेने की आवश्यकता है, तो वह भी किया जाना चाहिए।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि संस्कृति मंत्री रिपोर्ट को साढ़े चार साल तक दबाकर बैठे रहे। उन्होंने उनके इस्तीफे की मांग की।

भाजपा के वरिष्ठ नेता इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मुंबई में हैं। उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मुलाकात की।

मुरलीधरन ने दावा किया कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन चुनावों में भारी जीत हासिल करेगा और राज्य में फिर से सत्ता में आएगा।

भाषा खारी मनीषा

मनीषा