महाराष्ट्र चुनाव परिणामों से यह अनुमान लगाना गलत है कि कांग्रेस कमजोर हो गई है: सपकाल
महाराष्ट्र चुनाव परिणामों से यह अनुमान लगाना गलत है कि कांग्रेस कमजोर हो गई है: सपकाल
मुंबई, 21 फरवरी (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन के बाद यह निष्कर्ष निकालना गलत होगा कि उनकी पार्टी कमजोर हो गई है।
सपकाल ने हाल ही में महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख का कार्यभार संभाला है। उन्होंने वर्तमान परिदृश्य को ‘करो या मरो’ वाली स्थिति बताते हुए कहा कि उन्होंने राज्य इकाई को पुनर्जीवित करने की चुनौती स्वीकार कर ली है।
सपकाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘यह गलत धारणा है कि कार्यकर्ता हतोत्साहित हैं… चुनाव परिणाम चौंकाने वाले थे लेकिन कार्यकर्ता सुधार के लिए उत्सुक हैं। हमने केवल 16 सीट जीती, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हो गए हैं। एक बार जब हम ‘एक्शन मोड’ में आ जाएंगे तो आपको उनका उत्साह दिखाई देगा।’’
विपक्षी संगठन महा विकास आघाडी (एमवीए) गुट में शिवसेना (उबाठा) और राकांपा (एसपी) की साझेदार कांग्रेस ने 288 विधानसभा सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के लिए पिछले साल हुए चुनाव में 101 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार खड़े किए थे जिनमें से उसे सिर्फ 16 सीट पर जीत मिली थी।
सपकाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर स्थानीय निकाय चुनाव नहीं कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें निकट भविष्य में ऐसे किसी चुनाव की उम्मीद नहीं है। महाराष्ट्र में निकाय चुनाव करीब दो साल से लंबित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘पंचायती राज संशोधनों के परिणामस्वरूप जमीनी स्तर पर सत्ता का हस्तांतरण हुआ। लेकिन सरकार नहीं चाहती कि स्थानीय निकाय चुनाव हों। लोग यह भी भूल गए हैं कि पार्षदों और जिला परिषद सदस्यों के रूप में निर्वाचित प्रतिनिधि भी होते हैं।’’
नगर निकाय चुनावों की आवश्यकता पर बल देते हुए सपकाल ने आरोप लगाया कि भारत की अवधारणा 73वें और 74वें संविधान संशोधन में परिकल्पित की गई थी, जिसमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय स्वशासन की स्थापना की गई थी लेकिन उसे आकार लेने नहीं दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘देश में 4,250 विधायक और 750 सांसद हैं। कैसे लगभग 5,000 चुने हुए प्रतिनिधियों के नेतृत्व में 140 करोड़ लोगों का इतना बड़ा देश, लगभग 30 राज्य, 8000 शहर और छह लाख से अधिक गांव का कामकाज कर सकता है?
सपकाल ने दावा किया, ‘‘ भाजपा चाहती है कि सारी शक्तियां राज्यों में मुख्यमंत्री और केंद्र में प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय गृह मंत्री के हाथों में हों । कई राज्यों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे को लेकर कानूनी जटिलताएं पैदा की गईं और कई मुकदमे हैं।’’
उन्होंने कहा कि मौजूदा रणनीति धारणा निर्माण की है और भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ विमर्श गढ़कर हमें फांसने की कोशिश की।
सपकाल ने कहा कि जमीनी हकीकत लोगों की आजीविका से जुड़े मुद्दों जैसे खेती की लागत, किसानों के लिए फसल की दर, बेरोजगारी और मूल्य वृद्धि से जुड़ी है। लेकिन सरकार केवल कुछ लोगों के हितों की रक्षा करना चाहती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ आज केवल दो विचारधाराएं हैं – भाजपा और कांग्रेस। हमें एकजुट होकर और अनुशासित तरीके से विचारधारा की लड़ाई लड़नी होगी।’’
सपकाल ने कहा कि भले ही कांग्रेस चुनौतीपूर्ण समय का सामना कर रही है, लेकिन वह देश के लोगों के मुद्दे उठाती रहेगी।
भाषा शोभना मनीषा
मनीषा

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