मुंबई, चार नवंबर (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने सोमवार को कहा कि अगर पैगंबर मोहम्मद के बारे में की गईं हिंदू संत रामगिरि महाराज की टिप्पणी में कोई सच्चाई नहीं है, तो दुनिया को यह बताया जाना चाहिए।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी सिंह ने मुंबई में पत्रकारों से कहा कि इस्लाम के विद्वानों और मौलानाओं को सभी को बताना चाहिए कि क्या रामगिरि की टिप्पणियां तथ्यात्मक नहीं थीं।
महाराष्ट्र सरकार ने एक महीने पहले बंबई उच्च न्यायालय के समक्ष कहा था कि नासिक में एक कार्यक्रम में इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर रामगिरि महाराज के खिलाफ राज्य में लगभग 67 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
सरकार ने अदालत से कहा था कि साइबर अपराध पुलिस कथित अपमानजनक टिप्पणियां ऑनलाइन माध्यमों से हटा रही है।
सिंह ने कहा कि जिहाद के नाम और भारत में अराजकता पैदा करने के लिए पर रामगिरि महाराज को निशाना बनाने की एक साजिश रची जा रही है।
सिंह ने कहा, “कुछ ताकतें ऐसी हैं जो चुनाव से पहले ही सक्रिय हो जाती हैं। हमारा काम उन ताकतों के बारे में लोगों को जागरूक करना है।”
सिंह ने कहा कि रामगिरि महाराज और अन्य की टिप्पणियां इंटरनेट पर उपलब्ध हैं और वह इस्लाम के विद्वानों और मौलानाओं से तथ्यों को दुनिया के सामने लाने का अनुरोध करते हैं। सिंह ने कहा, ”सच बोलना कोई अपराध नहीं है।”
रामगिरि महाराज ने भी संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है और यह अधिकार संविधान ने दिया है।
उन्होंने कहा, “अगर मेरी टिप्पणियों से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो यह उसका व्यक्तिगत मुद्दा है।”
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