आईपीएस अधिकारी की ओर से दायर मानहानि मामले में अधिवक्ता को एक महीने की जेल

आईपीएस अधिकारी की ओर से दायर मानहानि मामले में अधिवक्ता को एक महीने की जेल

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  • Publish Date - June 28, 2024 / 10:10 PM IST,
    Updated On - June 28, 2024 / 10:10 PM IST

मुंबई, 28 जून (भाषा) मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मादक पदार्थों से संबंधित एक गिरोह में शामिल होने का आरोप लगाए जाने पर भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी केएमएम प्रसन्ना द्वारा दायर मानहानि मामले में शहर के एक वकील को दोषी ठहराया।

मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एस्प्लेनेड कोर्ट) हेमंत जोशी ने आरोपी वकील नवीन चोमल को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 (मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए उसे एक महीने कैद की सजा सुनाई और उस पर 5000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

हालांकि, उच्चतर अदालत के समक्ष फैसले को चुनौती देने के लिए सजा को निलंबित कर दिया गया। मार्च 2015 में, पुलिस ने लगभग 12 किलोग्राम मादक पदार्थ रखने के मामले में सतारा में कांस्टेबल धर्मराज कालोखे को गिरफ्तार किया था।

कुछ दिनों बाद मामले की जांच कर रही मरीन ड्राइव पुलिस ने ‘ट्रांसफर वारंट’ हासिल करने के बाद कांस्टेबल को यहां एक मजिस्ट्रेट अदालत के सामने पेश किया।

पेशी के दौरान वकील नवीन चोमल ने अदालत के समक्ष एक अर्जी प्रस्तुत करके दावा किया कि सतारा पुलिस ने मादक पदार्थ गिरोह में आईपीएस अधिकारी की संलिप्तता के बारे में कालोखे से गहन पूछताछ की थी।

इस अर्जी के आधार पर एक प्रमुख अखबार में प्रसन्ना के मादक पदार्थ गिरोह में शामिल होने की खबर छपी थी। इसके बाद अधिकारी ने दावा किया कि इससे उनकी मानहानि हुई और उनकी प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति पहुंची है।

इसके बाद आईपीएस अधिकारी ने आरोपियों को नोटिस भेजा, तो उन्होंने जवाब दिया कि बयान उनके ग्राहक कालोखे के निर्देश पर दिए गए थे।

इसके बाद प्रसन्ना ने यह मामला महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के समक्ष उठाया।

सतारा पुलिस से आवश्यक पूछताछ की गई, जिससे पुष्टि हुई कि उन्होंने न तो अपराध में आईपीएस अधिकारी की कथित संलिप्तता के संबंध में कालोखे से पूछताछ की और न ही उनके पास इस संबंध में कांस्टेबल से पूछताछ करने का कोई अवसर था।

इसके बाद प्रसन्ना ने वकील के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत शिकायत दर्ज कराई।

भाषा संतोष सुरेश

सुरेश