भारत, यूरोपीय संघ को मुक्त व्यापार समझौते पर लचीलापन दिखाने की जरूरत: इटली

भारत, यूरोपीय संघ को मुक्त व्यापार समझौते पर लचीलापन दिखाने की जरूरत: इटली

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  • Publish Date - November 29, 2024 / 09:41 PM IST,
    Updated On - November 29, 2024 / 09:41 PM IST

मुंबई, 29 नवंबर (भाषा) भारत में इटली के राजदूत एंटोनियो बार्तोली ने शुक्रवार को कहा कि द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत के समय भारत और यूरोपीय संघ, दोनों को लचीलापन दिखाने की जरूरत है।

बार्तोली ने कहा कि पिछले हफ्ते एक नया यूरोपीय आयोग गठित किया गया है और उम्मीद है कि बातचीत फिर से शुरू होगी। उन्होंने कहा कि बातचीत फिर से शुरू होने पर पिछले दो वर्षों में महत्वाकांक्षी समझौते पर हुई प्रगति को आगे बढ़ाया जाएगा।

वह ‘विल्लाजियो इटालिया’ प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद मुंबई में ‘पीटीआई-भाषा’ से बात कर रहे थे। यह प्रदर्शनी राष्ट्रीय कूटनीति के प्रशिक्षण और समर्थन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इतालवी नौसेना के जहाज ‘अमेरिगो वेस्पुची’ के बंदरगाह के पास आयोजित किया जा रहा है।

अगले साल अमेरिका द्वारा अधिक सीमा शुल्क की आशंका के बीच बार्तोली ने कहा कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के लिए ‘अत्यधिक समस्या’ पैदा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर चीनी सामानों पर अधिक सीमा शुल्क लगाया जाता है, तो यह भारत के लिए ‘प्रतिस्पर्धी लाभ’ भी पैदा करेगा।

बार्तोली ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद से भारत-इटली व्यापार सालाना 14 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ गया है। इसमें इटली को नौ अरब अमेरिकी डॉलर का भारतीय निर्यात शामिल है और इसे बढ़ाने का एक अच्छा अवसर है।

उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष यूरोपीय आयोग की नई अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के कार्यकाल का भी इंतजार कर रहा है ताकि बातचीत शुरू हो सके और भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में प्रगति हो सके।

बार्तोली ने खुले बाजार को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष (बातचीत में) अधिक लचीलापन दिखा सकते हैं।’’

उन्होंने यह भी कहा कि कृषि वस्तुएं 27 देशों के यूरोपीय संघ के लिए ‘लक्ष्मण रेखा’ हैं क्योंकि वे उनकी अर्थव्यवस्थाओं का एक महत्वपूर्ण घटक हैं।

राजदूत ने कहा, दो साल की लंबी वैश्विक यात्रा के हिस्से के रूप में अमेरिगो वेस्पुची का मुंबई के बंदरगाह पर ठहराव महत्वपूर्ण कदम है जो भारत और इटली के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने में मदद करेगा।

बार्तोली ने कहा कि यह पहली बार है कि 1930 के दशक में जलावतरण किया गया जहाज, किसी भारतीय बंदरगाह पर लंगर डाल रहा है।

उन्होंने कहा कि इटली विनिर्माण के मोर्चे पर भारत की महत्वाकांक्षाओं में मदद के लिए मशीनरी में अपनी विशेषज्ञता की पेशकश कर सकता है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय देश भारत की श्रम शक्ति से काफी लाभ उठा सकते हैं।

बार्तोली ने कहा कि दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क द्विपक्षीय साझेदारी की एक प्रमुख विषय है। उन्होंने कहा कि दौरे पर आया इतालवी जहाज जनता के देखने के लिए खुला है।

भाषा संतोष दिलीप रमण पवनेश

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