जालना (महाराष्ट्र), चार नवंबर (भाषा) मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने सोमवार को ‘यू-टर्न’ लेते हुए कहा कि वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में किसी भी उम्मीदवार या पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे और उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल करने वाले अपने समर्थकों से अपना नाम वापस लेने को कहा।
सोमवार को नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन है। राज्य विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होंगे और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।
चुनावी प्रक्रिया में भाग न लेने का जरांगे का यह निर्णय उनकी पहले की उस रणनीति में एक उल्लेखनीय बदलाव को दर्शाता है जब उन्होंने कुछ उम्मीदवारों का समर्थन या विरोध करने के लिए कुछ निर्वाचन क्षेत्रों को चिह्नित किया था।
जरांगे ने सोमवार की सुबह अंतरवाली सराठी गांव में पत्रकारों से कहा, ‘‘काफी विचार-विमर्श के बाद मैंने राज्य में कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। मराठा समुदाय खुद तय करेगा कि किसे हराना है और किसे चुनना है। मैं किसी भी उम्मीदवार या राजनीतिक दल को समर्थन नहीं दे रहा और ना ही मेरा उनसे कोई संबंध है।’’
कार्यकर्ता ने कहा कि उन पर सत्तारूढ़ ‘महायुति’ या विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) की ओर से कोई दबाव नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझ पर किसी का कोई दबाव नहीं है। मराठा हितों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के आधार पर समुदाय स्वयं ही निर्णय लेगा कि उसे किसे समर्थन देना है।’’
उन्होंने मतदाताओं से उम्मीदवारों से लिखित या वीडियो के जरिये मराठा हितों का समर्थन करने का वचन मांगने का आग्रह किया।
चुनावों पर अपने समुदाय के प्रभाव पर विश्वास व्यक्त करते हुए जरांगे ने कहा, ‘‘इस राज्य में मराठा समुदाय के समर्थन के बिना कोई भी निर्वाचित नहीं हो सकता।’
उन्होंने मराठा समुदाय के लोगों से किसी भी राजनीतिक रैली में शामिल न होने और किसी भी पार्टी के बहकावे में न आने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों ने मराठा समुदाय के साथ अन्याय किया है या उसे परेशान किया है, उन्हें मतदान के माध्यम से सबक सिखाया जाना चाहिए।’’
जरांगे ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के अंतर्गत मराठा समुदाय के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि आरक्षण के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा।
जरांगे ने रविवार को कहा था कि वह 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्वती और दौंड निर्वाचन क्षेत्रों से दो उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे लेकिन उनके नामों का खुलासा बाद में किया जाएगा।
दोनों सीट पर वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कब्जा है। जरांगे भाजपा पर मराठा आरक्षण का विरोध करने का अक्सर आरोप लगाते रहे हैं।
जरांगे ने पहले घोषणा की थी कि वह फुलम्ब्री, कन्नड़ (छत्रपति संभाजीनगर में), हिंगोली, पाथरी (परभणी) और हदगांव (नांदेड़) में उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे।
उन्होंने दावा किया था कि वह भोकरदन (जालना), गंगापुर (छत्रपति संभाजीनगर), कलमनुरी (हिंगोली), गंगाखेड और जिंतूर (परभणी) और लातूर में औसा के मौजूदा विधायकों को हराने के लिए प्रचार करेंगे। ये विधायक राज्य में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन के हैं।
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सिम्मी मनीषा
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