(तस्वीरों के साथ)
पुणे, 29 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को पूर्ववर्ती सरकारों पर ‘‘शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए योजना और दूरदृष्टि की कमी’’ का आरोप लगाया और कहा कि अगर वही ‘‘पुरानी कार्य संस्कृति’’ होती तो पुणे मेट्रो परियोजना का काम आगे नहीं बढ़ पाता।
मोदी ने कहा कि उन्होंने इस ‘‘पुरानी कार्य संस्कृति’’ को खत्म कर दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए महाराष्ट्र में 11,200 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के दौरान यह बातें कहीं।
मोदी का 26 सितंबर को निर्धारित पुणे दौरा शहर में भारी बारिश के कारण रद्द कर दिया गया था।
प्रधानमंत्री ने जिला न्यायालय से स्वारगेट तक पुणे मेट्रो खंड का ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन किया और मेट्रो को हरी झंडी दिखाई।
मोदी ने कहा कि पुणे मेट्रो के प्रथम चरण के पूरा होने से शहर में लोगों का आवागमन सुगम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों की तरह अगर सोचने का वही पुराना तरीका होता तो पुणे मेट्रो का काम पूरा नहीं हो पाता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र को नए संकल्पों और बड़े लक्ष्यों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पुणे को शहरी विकास के केंद्र में तब्दील करने की जरूरत है।
मोदी ने कहा, ‘‘बढ़ती आबादी के कारण शहर की गति धीमी नहीं होनी चाहिए बल्कि इसकी क्षमता बढ़नी चाहिए। यह तभी संभव है जब सार्वजनिक परिवहन को आधुनिक और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जाए। यही महायुति सरकार (महाराष्ट्र में) का दृष्टिकोण है।’’
उन्होंने कहा कि पुणे की आधुनिक जरूरतों को पूरा करने का काम बहुत पहले शुरू हो जाना चाहिए था।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, पहले शहरी विकास के लिए दृष्टिकोण और योजना का अभाव था। लेटलतीफी की पुरानी कार्य संस्कृति के कारण देश और राज्य को नुकसान उठाना पड़ा। पुणे मेट्रो परियोजना की परिकल्पना 2008 में की गई थी, लेकिन इसकी नींव 2016 में हमने रखी और अब इसका विस्तार हो रहा है।’’
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार आठ साल में मेट्रो परियोजना का एक खंभा भी खड़ा नहीं कर सकी।
मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में राज्य सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को दूर किया है।
उन्होंने कहा कि आधुनिक बुनियादी ढांचा ‘‘जरूरतों और प्राथमिकताओं’’ पर आधारित होना चाहिए और जब भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार बुनियादी ढांचा तैयार हो जाए तो इसका लाभ समाज के हर वर्ग को मिलना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने ऑनलाइन माध्यम से भिड़ेवाड़ा में क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले के पहले बालिका विद्यालय स्मारक की आधारशिला रखते हुए कहा कि आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ विरासत को भी संरक्षित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत का आधुनिकीकरण हो लेकिन यह हमारे मौलिक मूल्यों पर आधारित होना चाहिए।
सावित्रीबाई फुले द्वारा शुरू किए गए स्कूल का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि देश ने देखा है कि जब महिलाएं सामाजिक बदलाव की जिम्मेदारी लेती हैं तो क्या प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि अगर महाराष्ट्र विकास करता है तो देश भी उसका अनुसरण करेगा।
मोदी ने कहा, ‘‘हमने पूर्ववर्ती सरकारों की पुरानी कार्य संस्कृति को बदल दिया है। हमने महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाए हैं, हम महिला आरक्षण विधेयक लाये और स्वच्छ भारत कार्यक्रम के तहत महिलाओं के लिए शौचालय बनाए गए हैं।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने जिला न्यायालय से स्वारगेट तक पुणे मेट्रो खंड का ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन किया और मेट्रो को हरी झंडी दिखाई।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें विकसित भारत के ‘शिखर’ तक पहुंचने के लिए कई पड़ाव पार करने होंगे।’’
अधिकारियों के अनुसार, जिला न्यायालय से स्वारगेट के बीच भूमिगत खंड की लागत लगभग 1,810 करोड़ रुपये है।
मोदी ने पुणे मेट्रो फेज-1 के स्वारगेट-कटराज विस्तार की आधारशिला भी रखी, जिस पर लगभग 2,955 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
अधिकारियों के अनुसार, 5.46 किलोमीटर का यह दक्षिणी विस्तार पूरी तरह से भूमिगत है और इसमें तीन स्टेशन – मार्केट यार्ड, पद्मावती और कटराज शामिल हैं।
मोदी ने बिडकिन औद्योगिक क्षेत्र का भी उद्घाटन किया, जो राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत 7,855 एकड़ क्षेत्र में फैली एक परियोजना है। यह महाराष्ट्र में छत्रपति संभाजीनगर से 20 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के तहत विकसित यह परियोजना मराठवाड़ा क्षेत्र में एक जीवंत आर्थिक केंद्र के रूप में अपार संभावनाएं पैदा करती है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन चरणों में विकसित होने वाली इस परियोजना के लिए 6,400 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मंजूर की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोलापुर हवाई अड्डे का भी उद्घाटन किया, जिससे कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा और सोलापुर पर्यटकों व निवेशकों के लिए अधिक सुलभ हो जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि सोलापुर के मौजूदा टर्मिनल भवन का नवीनीकरण किया गया है ताकि सालाना करीब 4.1 लाख यात्रियों को सेवा दी जा सके।
भाषा
शफीक नरेश
नरेश
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