मुंबई, 12 जुलाई (भाषा) मुंबई के घाटकोपर इलाके में होर्डिंग गिरने से हुए हादसे के करीब दो महीने बाद महानगर की पुलिस ने शुक्रवार शाम को चार आरोपियों के खिलाफ 3,299 पन्नों का आरोप पत्र यहां के एस्प्लानेड मजिस्ट्रेट अदालत में दाखिल किया।
एक अधिकारी ने बताया कि आरोप पत्र में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस)के निलंबित अधिकारी कैसर खालिद, तत्कालीन जीआर आयुक्त, मौजूदा जीआरपी आयुक्त और वरिष्ठ अधिकारी रवींद्र शिसवे सहित 100 गवाहों के बयान हैं।
इस मामले की जांच अपराध शाखा की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने की थी।
अधिकारी ने बताया कि आरोपपत्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अधिकारियों के अलावा होर्डिंग लगाने में शामिल एक राजमिस्त्री और ‘रेडीमिक्स कंक्रीट’ आपूर्तिकर्ता के बयान भी शामिल हैं।
इस साल 13 मई को तूफान के बीच घाटकोपर (पूर्व) में जीआरपी की जमीन पर अवैध रूप से लगाए गए एक बड़े विज्ञापन होर्डिंग के एक पेट्रोल पंप पर गिर जाने से 17 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 84 अन्य लोग घायल हो गए थे।
अधिकारी ने बताया कि होर्डिंग लगाने वाली कंपनी ईगो मीडिया के निदेशक भावेश भिंडे को मुख्य आरोपी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच चल रही है और किसी को भी मामले में वांछित नहीं दिखाया गया है।
महाराष्ट्र सरकार ने पुलिस महानिदेशक की मंजूरी के बिना होर्डिंग लगाने को मंजूरी देने में कथित प्रशासनिक चूक और अनियमितताओं के लिए घटना के बाद अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के रूप में कार्यरत आईपीएस अधिकारी खालिद को निलंबित कर दिया था।
भाषा धीरज माधव
माधव
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