केंद्र, महाराष्ट्र में हिंदुत्ववादी सरकार फिर भी ‘लव जिहाद’ के खिलाफ मार्च को लेकर हैरानी : शिवसेना

केंद्र, महाराष्ट्र में हिंदुत्ववादी सरकार फिर भी ‘लव जिहाद’ के खिलाफ मार्च को लेकर हैरानी : शिवसेना

  •  
  • Publish Date - January 30, 2023 / 05:54 PM IST,
    Updated On - January 30, 2023 / 05:54 PM IST

मुंबई, 30 जनवरी (भाषा) शिवसेना (यूबीटी) ने सोमवार को दक्षिणपंथी समूहों द्वारा ‘लव-जिहाद’ के खिलाफ मार्च निकालने पर भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष किया तथा केंद्र और महाराष्ट्र में ‘तथाकथित हिंदुत्ववादी सरकार’ में इस तरह के विरोध की आवश्यकता पर सवाल उठाया।

शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में कहा कि भाजपा को जब भी हार का झटका लगता है तो वह अपना ‘तुरुप का पत्ता’ खेलती है। अब उन्होंने हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेलने का खेल शुरू कर दिया है।

दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने रविवार को ‘लव जिहाद’ के खिलाफ मुंबई में ‘हिंदू जन आक्रोश मोर्चा’ निकाला और धर्मांतरण विरोधी कानून व धर्म के नाम पर जमीन कब्जाने वालों पर कार्रवाई की मांग की। रैली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) सहित कई संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।

सकल हिंदू समाज द्वारा आयोजित रैली दादर के शिवाजी पार्क से शुरू हुई, जहां पार्टी के यूबीटी धड़े का मुख्यालय शिवसेना भवन स्थित है।

इसमें कहा गया, “राज्य में और केंद्र में भी तथाकथित उग्र हिंदुत्ववादी सरकार है। फिर आपका (रैली निकालने वालों का) हिंदुत्व कैसे खतरे में है?”

संपादकीय में कहा गया, “केंद्र में मोदी-शाह के साथ, रामराज्य है और यह राज्य हिंदुओं के लिए स्वर्ग है … ऐसा उनके (भाजपा समर्थक) लोग कहते हैं। इसलिए यह आश्चर्य की बात है कि अब भी ‘आक्रोश’ मोर्चा निकाला गया।”

‘सामना’ ने आगे कहा कि अगर केंद्र में मुस्लिम लीग (सत्तारूढ़) और महाराष्ट्र में अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की सरकार होती तो ऐसा मोर्चा निकालना तार्किक होता।

इसमें कहा गया, “अगर लव-जिहाद या जबरन धर्मांतरण का सवाल है तो कड़ा कानून होना चाहिए। लेकिन जब भी चुनाव आते हैं तो भाजपा शासित राज्यों में ‘हिंदुत्व खतरे में’ होने की बात होती है।”

अगर ‘आक्रोश’ मोर्चा सिर्फ चुनाव के लिए है तो यह हिंदुत्व के प्रति बेईमानी है।

इसने भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र पर भी कटाक्ष करते हुए कहा, समाजवादी पार्टी के दिवंगत संरक्षक “मौलाना” मुलायम सिंह को पद्म विभूषण से सम्मानित करना, “राम मंदिर आंदोलन के हजारों कारसेवकों के बलिदान का अपमान है”।

भाषा प्रशांत माधव

माधव