ठाणे : महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 2014 में जेवरात लूटने के प्रयास में अपने दोस्त की मां की हत्या करने का दोषी पाते हुए एक पुरुष व एक महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कल्याण अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर जी वाघमारे ने सोमवार को अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष ने वीरेंद्र नायडू और अश्विनी सिंह नाम के दो आरोपियों के खिलाफ सभी आरोपों को साबित कर दिया है। दोनों आरोपी अब 30 वर्ष के हैं और इसलिये उन्हें दोषी ठहराया जाना चाहिये और सजा सुनाई जानी चाहिये।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि नायडू 2014 में स्नातक (वाणिज्य) की पढ़ाई कर रहा था जबकि अश्विनी एमबीए कर रही थी। उन्होंने बताया की नायडू परीक्षा में असफल हो गया था और वह अवैध रूप से अंकों में बदलाव करवाना चाहता था तथा इसके लिये उसे पैसे की जरूरत थी। इसलिये, उसने अपने एक दोस्त की मां स्नेहल उमरोडकर (56) के जेवरात लूटने की योजना बनाई।
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अभियोजन पक्ष ने बताया कि 17 अक्टूबर 2014 को दोनों आरोपी अंबरनाथ इलाके में लूट के इरादे से महिला के घर में घुसे और उसे बांध दिया। बाद में उन्होंने महिला की गला रेत कर हत्या कर दी। घटना के वक्त महिला के परिवार का कोई सदस्य वहां मौजूद नहीं था। अदालत ने दोनों आरोपियों को सजा सुनाते हुए उस पर सात-सात हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया और आदेश दिया कि बरामद रकम मृत महिला के बेटे को दी जाए। इस मामले में संलिप्त एक अन्य आरोपी की उम्र उस वक्त 17 वर्ष थी और उसके खिलाफ किशोर न्यायालय में मुकदमा चलाया गया था।
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