मुंबई, नौ अगस्त (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने घाटकोपर में होर्डिंग गिरने के मामले में विज्ञापन कंपनी के गिरफ्तार निदेशक भावेश भिंडे की उस याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया, जिसमें उसने दावा किया था कि उसकी गिरफ्तारी अवैध है और अनुरोध किया कि उसे तत्काल रिहा किया जाए।
न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने कहा कि उन्हें इस मामले में किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए निर्धारित प्रक्रिया में कानूनी रूप से कोई खामी नहीं मिली है।
अदालत ने कहा, ‘‘हमें कानूनी रूप से कोई खामी नहीं मिली है। गिरफ्तारी और हिरासत को अवैध बताने के लिए याचिकाकर्ता ने जो आधार पेश किया है उसमें कोई दम नहीं है और झूठा है। प्रक्रिया में कोई खामी नहीं है। याचिका खारिज की जाती है।’’
भिंडे ने अपील की थी कि उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द की जाए तथा दावा किया कि 13 मई को होर्डिंग गिरने की घटना ‘‘ईश्वरीय कृत्य’’ थी और उसे याचिका की सुनवाई तक अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए। भिंडे पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया है।
घाटकोपर इलाके में 13 मई को ‘ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड’ का विशालकाय होर्डिंग गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई थी और 70 से अधिक लोग घायल हो गए थे। आरोपी भिंडे इस कंपनी का निदेशक है।
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