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मुंबई, 10 नवंबर (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि आर्थिक कूटनीति पर ध्यान देना भारतीय विदेश नीति में आए प्रमुख बदलावों में से एक है और अब इस नीति का मूल उद्देश्य राष्ट्रीय विकास एवं सुरक्षा है।
जयशंकर ने मुंबई में आदित्य बिड़ला समूह के छात्रवृत्ति कार्यक्रम के रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की पर्यटन, शिक्षा या कार्य की संभावनाओं समेत विभिन्न क्षेत्रों में विश्व के बारे में जानने की इच्छा भी बढ़ी है।
जयशंकर ने कहा, ‘‘बाहरी दुनिया और हमारे राष्ट्रीय प्रयासों के बीच यह गहरा संबंध हमें विकसित भारत की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। हम वास्तव में इसे इतनी गंभीरता से लेते हैं कि मैं घोषणा कर सकता हूं कि अब विदेश नीति का मूल उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा राष्ट्रीय विकास को आगे बढ़ाना है।’’
उन्होंने कहा कि दोनों लक्ष्य निःसंदेह एक-दूसरे से निकटता से जुड़े हुए हैं।
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए हमारी कूटनीति का अधिकतर हिस्सा निर्यात को बढ़ावा देने, निवेश आकर्षित करने, सर्वोत्तम तरीकों का पता लगाने, प्रौद्योगिकियों की पहचान करने और पर्यटन का विस्तार करने के लिए समर्पित है।’’
उन्होंने कहा कि इसका प्रभाव घरेलू स्तर पर रोजगार के अवसरों में वृद्धि से जुड़ा है।
जयशंकर ने कहा, ‘‘आर्थिक कूटनीति पर ध्यान देना मौजूदा समय में हमारी विदेश नीति में आए प्रमुख परिवर्तनों में से एक है। अंतरराष्ट्रीय स्थिति के मद्देनजर भी इस दिशा में अधिक मजबूत प्रयासों की आवश्यकता है। कोविड के अनुभव ने दुनिया को एक सीमित भूगोल पर निर्भर रहने के खतरों से अवगत कराया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विश्व के साथ हमारे संबंध और उसमें रुचि आनुपातिक रूप से बढ़ी है… विश्व आज भारत की गाथा की सराहना कर रहा है।’’
भाषा
सिम्मी वैभव
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