ठाणे में कारोबारी से 85 हजार रुपये की वसूली करने पर उड़न दस्ते के पांच सदस्य निलंबित

ठाणे में कारोबारी से 85 हजार रुपये की वसूली करने पर उड़न दस्ते के पांच सदस्य निलंबित

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  • Publish Date - November 10, 2024 / 09:46 PM IST,
    Updated On - November 10, 2024 / 09:46 PM IST

ठाणे, 10 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक फूल व्यापारी को धमकाकर उससे 85,000 रुपये की जबरन वसूली करने के आरोप में पुलिस ने दो कांस्टेबल समेत चुनावी उड़न दस्ते के पांच सदस्यों को निलंबित कर दिया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि जबरन वसूली करने की यह घटना 18 अक्टूबर को ठाणे जिले के म्हाराल नाका की है।

पांच लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, आरोपियों ने महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए लागू आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है।

उल्हासनगर पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया कि फूल व्यवसायी और उसका दोस्त कार से अहमदनगर और पुणे जा रहे थे और उनके पास दशहरा उत्सव के दौरान किसानों से की गई खरीदारी का भुगतान करने के लिए साढ़े सात लाख रुपये थे।

उन्होंने बताया कि आरोपियों ने मुरबाड की ओर जा रही कार को रोक लिया और दोनों को धमकी दी कि उनके पैसे जब्त कर लिए जाएंगे तथा उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

अधिकारी ने बताया कि उन्होंने फूल व्यापारी से कथित तौर पर 85,000 रुपये की जबरन वसूली की।

उन्होंने बताया कि आरोपियों ने फूल व्यवसायी के पास मिली धनराशि के बारे में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित नहीं किया तथा छापेमारी व जब्ती के लिए निर्धारित प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया।

व्यापारी ने बाद में कथित वसूली के बारे में निर्वाचन अधिकारियों से शिकायत की।

अधिकारी ने बताया कि जांच के बाद और एक निर्वाचन अधिकारी द्वारा शिकायत दर्ज कराये जाने के बाद उल्हासनगर थाने में शनिवार को आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(2) (जबरन वसूली), 198 (किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने के इरादे से लोक सेवक द्वारा कानून की अवहेलना), 134 (किसी व्यक्ति की संपत्ति की चोरी करने के प्रयास में हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और तीन (पांच) (समान इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किया गया आपराधिक कृत्य) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

ठाणे जिला प्रशासन ने रविवार शाम को एक विज्ञप्ति में पांचों आरोपियों को निलंबित करने की घोषणा की।

भाषा जितेंद्र संतोष

संतोष