मुंबई, 14 दिसंबर (भाषा) फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल शनिवार को 90 साल के हो गए। इस अवसर पर उन्होंने अपनी टीम के साथ कार्यालय में केक काटा।
जीवन के 90 साल पूरे करना एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, लेकिन फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल जैसे कुछ लोगों के लिए यह दैनिक दिनचर्या और कार्य के प्रति जारी प्रतिबद्धताओं से भरा महज एक और दिन है।
बेनेगल ने 1970 और 1980 के दशक में मुख्यधारा के भारतीय सिनेमा की परंपरा से हटकर अपने काम के साथ भारतीय समानांतर सिनेमा मुहिम की शुरुआत की जो अपने यथार्थवाद के लिए जाना जाता है।
‘अंकुर’, ‘निशांत’, ‘मंथन’, ‘भूमिका’, ‘जुनून’ और ‘मंडी’ जैसी फिल्में बनाने वाले फिल्म निर्माता बेनेगल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम सब बूढ़े होते हैं। मैं (अपने जन्मदिन पर) कोई बड़ा काम नहीं करता। यह एक विशेष दिन हो सकता है, लेकिन मैं इसे विशेष रूप से नहीं मनाता। मैंने अपनी टीम के साथ कार्यालय में केक काटा।’’
वृद्धावस्था में होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बावजूद, जिसमें सप्ताह में तीन बार डायलिसिस के लिए अस्पताल जाना शामिल है, बेनेगल फिल्म निर्माण के अपने जुनून के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं दो-तीन फिल्मों पर काम कर रहा हूं, सब एक दूसरे से भिन्न हैं। यह कहना मुश्किल है कि मैं कौन सी बनाऊंगा। ये सभी बड़े पर्दे के लिए हैं।’’
भाषा संतोष सुभाष
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