फडणवीस ने मराठी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए एआई-आधारित भाषा मॉडल की वकालत की

फडणवीस ने मराठी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए एआई-आधारित भाषा मॉडल की वकालत की

  •  
  • Publish Date - January 31, 2025 / 05:53 PM IST,
    Updated On - January 31, 2025 / 05:53 PM IST

पुणे, 31 जनवरी (भाषा)महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को मराठी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का लाभ उठाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने यह सुनिश्चत करने को कहा कि आने वाली पीढ़ियों को महान मराठी लेखकों की कृतियां सुलभ हो सके।

फडणवीस ने पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज में तीसरे ‘विश्व मराठी सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए राज्य के मराठी भाषा विभाग को मराठी भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए एआई का उपयोग करके एक छोटा भाषा मॉडल विकसित करने का निर्देश दिया।

केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष मराठी को ‘‘शास्त्रीय भाषा’’ का दर्जा दिया था।

उद्योग मंत्री उदय सामंत ने टिप्पणी की थी कि कुछ लोगों ने मराठी भाषा विभाग द्वारा इस कार्यक्रम के आयोजन पर सवाल उठाए हैं। फडणवीस ने इसका संदर्भ देते हुए कहा कि चाहे यह साहित्यिक सम्मेलन हो या रंगमंच महोत्सव, चर्चा इसका अभिन्न अंग है।

मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘ऐसे आयोजन बिना चर्चा और मतभेद के पूरे नहीं हो सकते। दरअसल, चर्चा करना हमारे स्वभाव का हिस्सा है, क्योंकि हम भावुक और संवेदनशील लोग हैं। बहस और प्रतिवाद होना चाहिए। तभी वास्तविक बौद्धिक मंथन होगा।’’

उन्होंने कहा कि शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता मिलने से मराठी को उसका उचित स्थान मिला है।

फडणवीस ने कहा, ‘‘हमारी भाषा हमेशा से शास्त्रीय रही है, लेकिन आधिकारिक मान्यता महत्वपूर्ण है। जब मुगलों ने फारसी को इस देश की ‘राजभाषा’ बनाया, तो छत्रपति शिवाजी महाराज ने मराठी को स्वराज की आधिकारिक भाषा बनाया। उन्होंने ही मराठी को शाही मान्यता दिलाई।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान युग कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा संचालित है और मराठी को ज्ञान अर्जन की भाषा बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘एआई के युग में, यदि हम अपने समृद्ध मराठी साहित्य को एक छोटे भाषा मॉडल में शामिल करने के लिए इसकी शक्ति का उपयोग करते हैं, तो हम चैटजीपीटी जैसा मॉडल बना सकते हैं जो भविष्य की पीढ़ियों को असंख्य (मराठी) लेखकों के साहित्यिक कार्यों तक पहुंच प्रदान करने में सक्षम बनाएगा।’’

उन्होंने राज्य के मराठी भाषा विभाग से एआई-आधारित मराठी भाषा मॉडल का प्रयोग और विकास करने का आग्रह किया।

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश