मुंबई : महाराष्ट्र पुलिस ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून का दुरुपयोग कर सरकारी अधिकारियों और निजी लोगों से कथित तौर पर वसूली करने के आरोप में पिछले छह महीनों में नांदेड़ और उसके आस-पास के जिलों से 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
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नांदेड़ रेंज के विशेष पुलिस महानिरीक्षक निसार तंबोली ने बताया कि पिछले छह महीने में नांदेड़, हिंगोली, परभणी और अन्य क्षेत्रों के विभिन्न पुलिस थानों में 23 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि इन मामलों में अब तक कम से कम 23 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
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तंबोली के मुताबिक, ‘‘हमने शिकायतें मिलने के बाद उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है, जो खुद के आरटीआई कार्यकर्ता होने का दावा करते हैं। ये लोग राज्य सचिवालय ‘मंत्रालय’ (मुंबई में) सहित विभिन्न स्थानों पर सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ निजी व्यक्तियों के खिलाफ आरटीआई दाखिल करते थे और उनसे पैसे की मांग करते थे।’’
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तंबोली के अनुसार, जांच के दौरान यह पता चला कि 10 से 15 पीड़ितों ने इनमें से कुछ आरोपियों के खिलाफ पुलिस से संपर्क किया था। उन्होंने बताया कि नांदेड़ के देगलुर पुलिस थाने में 10 पीड़ितों ने दो लोगों के खिलाफ शिकायत की थी, जिसके आधार पर दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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तंबोली के मुताबिक, विभिन्न आरोपियों के घरों की तलाशी के बाद पुलिस को 100 से ज्यादा फर्जी आरटीआई दस्तावेज मिले। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से कुछ के पास पुलिस सुरक्षा और कुछ के पास शस्त्र लाइसेंस थे। तंबोली ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद आरोपियों की पुलिस सुरक्षा हटा दी गई है और उनके हथियारों के लाइसेंस जब्त कर लिए गए हैं। अधिकारी के अनुसार, सभी आरोपियों को जबरन वसूली समेत भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है।