ठाणे, 11 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय पांडे ने ठाणे में अपने और छह अन्य के खिलाफ दर्ज जबरन वसूली के मामले में बुधवार को अपना बयान दर्ज कराया। अपराध शाखा के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि पांडे सुबह वागले एस्टेट क्षेत्र स्थित अपराध शाखा के कार्यालय में पहुंचे और तीन घंटे तक वहां रुके।
अपराध शाखा के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पांडे तीन घंटे तक अपराध शाखा कार्यालय में रहे और इस दौरान उनका बयान दर्ज किया गया।’’
मुंबई के व्यवसायी संजय पुनमिया की शिकायत पर 26 अगस्त, 2024 को ठाणे नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुनमिया के खिलाफ उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के दौरान दो प्राथमिकी दर्ज की गई थीं। उस दौरान पांडे पहले डीजीपी और फिर मुंबई पुलिस आयुक्त के पद पर रहे।
शिकायत में पुनमिया ने दावा किया है कि मई 2021 से 30 जून 2024 के बीच उन्हें आरोपियों की वजह से ‘‘काफी परेशानियों’’ का सामना करना पड़ा।
सेवानिवृत्त डीजीपी के अलावा, प्राथमिकी में पूर्व एसीपी सरदार पाटिल, निरीक्षक मनोहर पाटिल, वकील शेखर जगताप, बिल्डर श्यामसुंदर अग्रवाल और दो अन्य- शुभम अग्रवाल तथा शरद अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है।
शिकायत के मुताबिक, आरोपी ठाणे नगर थाने में दर्ज 2016 के एक अपराध मामले की जांच में अवैध रूप से शामिल थे।
प्राथमिकी में कहा गया कि उन्होंने शिकायतकर्ता और अन्य व्यापारियों को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी, पैसे ऐंठे और जाली दस्तावेज तैयार किए, जबकि (उनमें से एक ने) अदालतों को गुमराह करने के लिए खुद को विशेष लोक अभियोजक बताया।
अपराध शाखा ने अब तक इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।
भाषा धीरज नेत्रपाल
नेत्रपाल
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