मुंबई, 15 अक्टूबर (भाषा) आरजी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला चिकिस्तक के कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना के विरोध में आमरण अनशन कर रहे पश्चिम बंगाल के कनिष्ठ चिकित्सकों के समर्थन में मुंबई के सरकारी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों और छात्रों ने मंगलवार भूख हड़ताल की।
पश्चिम बंगाल में कनिष्ठ चिकित्सकों ने दो चरणों में लगभग 50 दिन के कार्य बहिष्कार के बाद पांच अक्टूबर को भूख हड़ताल शुरू की।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवकुमार उत्तुरे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा, “मेडिकल छात्र और जूनियर डॉक्टर ऐसी घटनाओं से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं और 60 दिन से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं बदला है। इसलिए, आईएमए मेडिकल छात्र नेटवर्क और आईएमए जूनियर डॉक्टर नेटवर्क ने पश्चिम बंगाल में आमरण अनशन कर रहे चिकित्सकों का समर्थन करने के लिए प्रतीकात्मक धरने में हिस्सा लेने का फैसला किया है।”
उत्तुरे ने कहा कि सायन अस्पताल, किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल, सेठ गोर्धनदास सुंदरदास मेडिकल कॉलेज, कूपर मेडिकल कॉलेज और जेजे अस्पताल सहित मुंबई के सभी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर ने सांकेतिक भूख हड़ताल में हिस्सा लिया।
इस भूख हड़ताल में किसी निजी अस्पताल के चिकित्सक नहीं शामिल हुए।
उत्तुरे ने बताया कि कोलकाता के कनिष्ठ चिकित्सकों 11 दिन से भूख हड़ताल पर हैं और इनमें से तीन को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।
भाषा पारुल माधव
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