भारी कर्ज के बावजूद महाराष्ट्र सरकार ने हार के कारण लोक-लुभावन योजनाओं की घोषणा की : राउत |

भारी कर्ज के बावजूद महाराष्ट्र सरकार ने हार के कारण लोक-लुभावन योजनाओं की घोषणा की : राउत

भारी कर्ज के बावजूद महाराष्ट्र सरकार ने हार के कारण लोक-लुभावन योजनाओं की घोषणा की : राउत

:   Modified Date:  July 18, 2024 / 05:02 PM IST, Published Date : July 18, 2024/5:02 pm IST

मुंबई, 18 जुलाई (भाषा) शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने राज्य पर आठ लाख करोड़ रुपये का कर्ज होने के बावजूद लोक-लुभावन योजनाओं की घोषणा की है क्योंकि हालिया संपन्न लोक सभा चुनाव में गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा है।

राउत की यह टिप्पणी प्रदेश के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा युवाओं के लिए नौकरी प्रशिक्षण और वजीफा योजना की घोषणा किए जाने के एक दिन बाद आई है। इस योजना को अस्थायी रूप से ‘लाड़का भाऊ’ योजना नाम दिया गया है।

इस योजना की घोषणा सरकार की ओर से पात्र महिलाओं के लिए मासिक वित्तीय सहायता योजना शुरू करने के कुछ दिनों बाद की गई है।

‘मुख्यमंत्री माझी लाड़की बहिन योजना’ की घोषणा प्रदेश सरकार के बजट में की गयी थी जिसके तहत 21-60 साल उम्र की विवाहित, तलाकशुदा और परित्यक्त महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये दिये जायेंगे, जिनके परिवार की सालाना कुल आय ढाई लाख रुपये तक होगी।

राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार ने मध्य प्रदेश सरकार की (लाडली बहना) योजना की नकल करते हुए महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह दिए जाने की बात कही है, जबकि लड़का भाऊ योजना के तहत 12वीं पास युवकों को 6,000 रुपये और बेरोजगार स्नातकों को 10,000 रुपये मिलेंगे। इसलिये, महिलाओं को क्यों केवल 1,500 रुपये दिये जायेंगे….क्या वे इस रकम से अपना घर चला पायेंगी। हमारी मांग है कि लाड़की बहिन (प्यारी बहना) को भी 10,000 रुपये प्रति महीना मिलना चाहिये।’’

राउत ने कहा, ‘‘राज्य पर पहले से ही आठ लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। यह कोई छोटी रकम नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन कहता था कि विपक्ष महाराष्ट्र में 10 लोकसभा सीटें भी नहीं जीत पाएगा, लेकिन महा विकास आघाडी (एमवीए) ने 31 सीटें हासिल की।

महाराष्ट्र में भाजपा की सीटों की संख्या 2019 में 23 थी जो हाल के लोकसभा चुनावों में घटकर सिर्फ नौ रह गई है। मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को सात जबकि उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा सिर्फ एक निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल कर सकी।

इसके विपरीत, विपक्षी एमवीए जिसमें शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (शरदचंद्र पवार) और कांग्रेस शामिल हैं, ने बेहतर प्रदर्शन किया और सामूहिक रूप से 48 में से 30 सीटों पर जीत हासिल की।

राउत ने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनावों में विपक्षी एमवीए (कुल 288 में से) 280 सीटें जीतेगी।

शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘एमवीए के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। फिलहाल, हम सभी 288 सीटों का आकलन कर रहे हैं। हम साथ बैठेंगे और यह फैसला करेंगे कि कौन किस सीट से लड़ेगा।’’

यह पूछे जाने पर कि अजित पवार के खेमे के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने राकांपा (शरद चंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की है, राउत ने कहा, ‘‘भुजबल एक बहुत बड़े अभिनेता हैं। वह फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं और उन्हें नाटक करना आता है। लेकिन शरद पवार ‘नटसम्राट’ हैं, जिनका राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में ऊंचा मुकाम है।’’

राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में एक चलता-फिरता मंच है, जो इधर-उधर घूमता रहता है और भुजबल जैसे लोग इस मंच पर अभिनेता की भूमिका निभाते हैं।

भाषा रंजन रंजन अविनाश

अविनाश

 

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