अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को ‘जय स्तंभ’ भूमि में प्रवेश करने की अनुमति दी |

अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को ‘जय स्तंभ’ भूमि में प्रवेश करने की अनुमति दी

अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को ‘जय स्तंभ’ भूमि में प्रवेश करने की अनुमति दी

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Modified Date: December 14, 2024 / 03:45 PM IST
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Published Date: December 14, 2024 3:45 pm IST

मुंबई, 14 दिसंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को ऐतिहासिक कोरेगांव भीमा युद्ध की 207वीं वर्षगांठ पर एक जनवरी, 2025 को कार्यक्रम की व्यवस्था करने के लिए एक पखवाड़े तक पुणे स्थित ‘जय स्तंभ’ भूमि में प्रवेश करने की अनुमति दे दी है।

पुणे के पेरने गांव में स्थित यह भूमि स्वामित्व विवाद में उलझी हुई है और अदालत के आदेश में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। इसके अनुपालन में राज्य सरकार को हर साल अदालत से अनुमति लेनी होती है।

न्यायमूर्ति एस एम मोदक की एकल पीठ ने छह दिसंबर के आदेश में सरकार को आवश्यक व्यवस्था करने के लिए 22 दिसंबर 2024 से पांच जनवरी 2025 की मध्यरात्रि तक विवादित भूमि में प्रवेश करने की अनुमति दी।

पीठ ने राज्य सरकार को 31 दिसंबर, 2024 से पांच जनवरी, 2025 की मध्यरात्रि तक जनता को परिसर में प्रवेश करने और विजय स्तंभ (जय स्तंभ) के दर्शन करने की अनुमति देने की भी अनुमति दी।

यह आदेश राज्य सरकार द्वारा पुणे जिला कलेक्टर के माध्यम से अनुमति मांगने के लिए दायर एक आवेदन पर दिया गया था। पीठ ने कहा कि पहले भी अनुमति दी गई थी और सभी संबंधित पक्षों के बीच इस वर्ष भी यही व्यवस्था जारी रखने पर सहमति बनी है।

अदालत ने कहा कि पांच जनवरी, 2025 के बाद सरकार खुद भूमि हट जाएगी और इसे अपनी मूल स्थिति में बहाल कर देगी।

‘जय स्तंभ’ को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा संघ के पेशवा गुट के बीच 1818 में हुए कोरेगांव भीमा युद्ध की याद में स्थापित किया गया था।

भाषा संतोष रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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